Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़CM Yogi Youth Parliament is necessary instead of chatra sangh told reason Chief Minister made this appeal to youth

छात्रसंघ की बजाय युवा संसद जरूरी, योगी ने बताया कारण, मुख्यमंत्री ने नौजवानों से की यह अपील

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि विश्ववद्यिालयों और महिविद्यालयों में परम्परागत छात्रसंघ की बजाय युवा संसद को प्रमोट करना चाहिए। सीएम योगी ने इसका कारण भी समझाया।

Yogesh Yadav लाइव हिन्दुस्तानWed, 8 Jan 2025 03:40 PM
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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि विश्ववद्यिालयों और महिविद्यालयों में परम्परागत छात्रसंघ की बजाय युवा संसद को प्रमोट करना चाहिए। इससे नई पीढ़ी को आगे बढ़ाया जा सके। अपने सरकारी आवास पर 28वें युवा उत्सव-2025 में उत्तर प्रदेश के प्रतिभागी दल को हरी झंडी दिखाकर रवाना करने के अवसर पर उन्होंने युवाओं को संवाद में माहिर होने का मंत्र दिया और कहा कि सार्वजनिक जीवन में संवाद की कला अत्यंत महत्वपूर्ण है। राजनेता वही सफल हो सकता है, जिसमें संवाद की कला हो। यदि वह संवाद में माहिर नहीं है तो सफल राजनेता नहीं हो सकता है।

सीएम योगी ने कहा कि यह देखना होगा, हम जिस भी क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं, उसमें युवाओं की क्या भूमिका होगी। नेतृत्व का गुण, समाज और अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्ति के प्रति संवेदना होनी चाहिए। कोई भी राजनेता, प्रशासन, पुलिस अधिकारी, अन्नदाता किसान, प्रगतिशील किसान, युवा उद्यमी समेत किसी भी क्षेत्र में कार्य करे, लेकिन उसके मन में राष्ट्रीयता, मातृभूमि के लिए प्यार, जनता व नागरिकों के प्रति संवेदना नहीं है तो उसकी प्रगति का कोई मायने नहीं है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 12 जनवरी की तिथि युवा उत्सव के रूप में आती है, क्योंकि यह युवा ऊर्जा के धनी व वैश्विक पटल पर भारत की आध्यात्मिक, सांस्कृतिक व युवा शक्ति को पहचान दिलाने वाले स्वामी विवेकानंद की पावन जयंती है। पीएम मोदी की प्रेरणा से पिछले कई वर्षों से युवा उत्सव का कार्यक्रम दल्लिी में होता है। इसमें अनेक कार्यक्रमों में भागीदार बनकर युवाओं को पूरे देश को जानने-सीखने का अवसर प्राप्त होता है। इस वर्ष प्रधानमंत्री व रक्षा मंत्री का सानिध्य व संवाद का क्षण भी प्राप्त होगा।

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उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में प्रधानमंत्री मोदी ने देश के सामने कुछ लक्ष्य रखे थे। इसमें विकसित भारत भी था। विकसित भारत में युवाओं की ऊर्जा कैसे सहायक हो सकती है। सीएम ने युवाओं से कहा कि 22/23 साल बाद जब देश शताब्दी वर्ष मना रहा होगा, तब आप भी अलग-अलग क्षेत्र में कार्य कर रहे होंगे। तब ध्यान रखना होगा कि उस समय कैसा भारत चाहिए, उस भारत के निर्माण की कार्ययोजना में कौन कौन से पहलू होंगे। जिन्हें हम आगे बढ़ाकर लेकर चल सकते हैं। विकसित भारत में युवाओं की भी क्या भूमिका होगी, इसे भी हमें देखना होगा।

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उन्होंने कहा 63 युवा उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व करके राष्ट्रीय महोत्सव का हस्सिा बन रहे हैं। उत्तर प्रदेश के विकास व विरासत की इस यात्रा में युवा भी सहभागी बने हैं। सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश ने पिछले सात-आठ वर्ष में विकास की यात्रा को तेजी से आगे बढ़ाया है। 10 वर्ष पहले लोग खुद को उत्तर प्रदेश का वासी कहने में संकोच करते थे। यहां सुरक्षा नहीं, बल्कि दंगा, अराजकता व गुंडागर्दी थी।

कहा कि उप्र आबादी में नम्बर एक लेकिन विकास के पायदान पर पीछे था। अर्थव्यवस्था में छठवें-सातवें पायदान पर था। उत्तर प्रदेश हर क्षेत्र में पिछड़ा था, लेकिन सात-आठ वर्षों में उत्तर प्रदेश अग्रणी राज्यों में खड़ा है। इसके पीछे की सफलतम कहानी को जन्हिोंने नजदीक से देखा है, वे वर्तमान व भावी पीढ़ी को अवगत कराएं, जिससे उन्हें भी प्रगति के सही मानक की जानकारी हो सकेगी।

मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि युवा उत्तर प्रदेश की अमिट छाप को छोड़ने में सफल होंगे। उत्तर प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों के सांस्कृतिक कार्यक्रमों, वन ड्ट्रिरक्टि-वन प्रोडक्ट की प्राचीन विधा (जो कौशल विकास का अद्भुत उदाहरण था) उसे भी प्रस्तुत करने में सफल होंगे।

उन्होंने कहा कि स्किल डेवलपमेंट वह नहीं है, जो केवल आज हम देख रहे हैं, स्किल डेवलपमेंट वह भी था, जिसने कभी मुरादाबाद को ब्रास, अलीगढ़ को हार्डवेयर, फिरोजाबाद को ग्लास, लखनऊ को चिकन कारी, मेरठ को स्पोर्ट्स आइटम, भदोही की कालीन, सहारनपुर को वुडन वर्क, वाराणसी के रेशम वस्त्र को मौका दिया। ये सभी प्राचीन विरासत के प्रतीक हैं, जिसे सरकार वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट के रूप में प्रमोट कर रही है। कौशल विकास की इस विधा को हम विरासत के रूप में आगे बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं।

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