Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Chandrashekhar Azad complained about Justice Shekhar Yadav to the President said kathamulla calling is a impartiality

चंद्रशेखर आजाद ने जस्टिस शेखर यादव की शिकायत राष्ट्रपति से की, कहा- 'कठमुल्ला' बोलना निष्पक्षता पर सवाल

प्रयागराज में इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव के कठमुल्ला शब्द के इस्तेमाल पर भीम आर्मी के चीफ और आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष सांसद चंद्रशेखर आजाद ने आपत्ति की है।

Yogesh Yadav लाइव हिन्दुस्तान, lucknowMon, 9 Dec 2024 08:42 PM
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प्रयागराज में इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव के कठमुल्ला शब्द के इस्तेमाल पर भीम आर्मी के चीफ और आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष सांसद चंद्रशेखर आजाद ने आपत्ति की है। चंद्रशेखर ने जस्टिस शेखर यादव की शिकायत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से करते हुए कहा कि यह निष्पक्षता पर सवाल है। विश्व हिंदू परिषद की लीगल सेल की ओर से रविवार को आयोजित एक कार्यक्रम में जस्टिस शेखर यादव ने अपनी संबोधन के दौरान कठमुल्ला शब्द का इस्तेमाल किया था।

चंद्रशेखर ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर जस्टिस के संबोधन का वीडिया पोस्ट करते हुए लिखा कि प्रयागराज यूपी में विश्व हिन्दू परिषद के कार्यक्रम में हाईकोर्ट के जस्टिस शेखर कुमार यादव का बयान न्यायिक गरिमा, संविधान के धर्मनिरपेक्ष मूल्यों और समाज में शांति बनाए रखने की जिम्मेदारी का गंभीर उल्लंघन है।

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'कठमुल्ला' जैसे अपमानजनक शब्दों का प्रयोग न केवल असंवेदनशील है, बल्कि यह न्यायपालिका की निष्पक्षता पर भी प्रश्नचिह्न लगाता है। ऐसे बयान समाज में सांप्रदायिक वैमनस्य को बढ़ावा देते हैं, जो न्यायपालिका जैसे पवित्र संस्थान के लिए अक्षम्य है। एक न्यायाधीश का कर्तव्य है कि वह अपने शब्दों और कार्यों के माध्यम से समाज को एकजुट करे, न कि वैमनस्य को बढ़ावा दे।

ऐसे बयान न्यायपालिका की साख को कमजोर करते हैं और जनता के विश्वास को ठेस पहुंचाते हैं। न्यायाधीश का धर्म केवल न्याय होना चाहिए, न कि किसी समुदाय के प्रति पूर्वाग्रह। चंद्रशेखर ने अंत में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को अपनी पोस्ट टैग करते हुए लिखा कि महामहिम महोदया जी, संज्ञान लें।

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जस्टिस शेखर यादव ने क्या कहा था

जस्टिस शेखर यादव ने अपने संबोधन में कहा, 'मुझे यह कहने में कोई हिचक नहीं है कि हिन्दुस्तान देश के बहुसंख्यकों के हिसाब से चलेगा। यह कानून है। मैं यह बात हाईकोर्ट के जज के तौर पर नहीं बोल रहा। आप अपने परिवार या समाज को ही लीजिए कि जो बात ज्यादा लोगों को मंजूर होती है, उसे ही स्वीकार किया जाता है। लेकिन जो कठमुल्ला हैं, जिसे कह लीजिए आप, शब्द गलत है। लेकिन कहने में गुरेज नहीं है, क्योंकि वह देश के लिए घातक हैं। देश के लिए घातक है। जनता को भड़काने वाले लोग हैं। देश आगे न बढ़े, इस प्रकार के लोग हैं। उनसे सावधान रहने की जरूरत है।'

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