Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़चंदौलीCommemoration of Gondwana Martyrs Shankar Shah and Raghunath Shah s Legacy in 1857 Uprising

बलिदान दिवस पर श्रद्धासुमन किया अर्पित

पीडीडीयू नगर में 18 सितंबर 1857 के बलिदानियों का बलिदान दिवस मनाया गया। भारत वर्षीय गोड आदिवासी महासभा की बैठक में गोंडवाना के महाराजा शंकर शाह और कुंवर रघुनाथ शाह के बलिदान को श्रद्धांजलि दी गई।...

Newswrap हिन्दुस्तान, चंदौलीWed, 18 Sep 2024 11:55 AM
share Share

पीडीडीयू नगर, संवाददाता। शहर के परशुरामपुर स्थित केन्द्रीय कार्यालय पर बुधवार को भारत वर्षीय गोड आदिवासी महासभा समिति की बैठक हुई। इस दौरान गोंडवाना के गौरव महाराजा शंकर शाह मडावी के 18 सितंबर 1857 के बलिदानियों का बलिदान दिवस मनाया गया। वही उनके तैलचित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया। वक्ताओं ने बताया कि भारत में 1857 के स्वतंत्रता आंदोलन में गोंडवाना के गढ़ मंडल राजघराना बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया था। गढ़ मंडल के आखिरी चिराग 52 गढ़के अधिपति राजा संग्राम शाह के वंशज महाराज शंकर शाह व कुंवर रघुनाथ शाह अपने मातृभूमि गोंडवाना में अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह कर दिया। इस दौरान अंग्रेज डिप्टी कमिश्नर कलंकी ने इन लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया। अंग्रेजों की 52वीं रेजीमेंट जबलपुर के सिपाहियों से साठगांठ कर आजादी के लिए स्वाभिमान जगाया। वही विरोधियों को पकड़ने के लिए प्रेरित किया। 14 सितंबर 1857 को डिप्टी कमिश्नर क्लर्क ने मृत्युदंड की घोषणा कर दिया। 18 सितंबर 1857 को शंकर शाह व रघुनाथ शाह को सलामी दी गई। इसके बाद मातृभूमि की रक्षा के लिए देशभर में आंदोलन की ज्वाला फूट गई। इसमें रवि शंकर गोंड,धुराहु प्रसाद, कृष्णा गोंड,डॉ. उमेश चंद्र, प्यारेलाल, नंदलाल, मदन लाल, मिठाई लाल, सुरेश प्रसाद आदि शामिल रहे।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें