बजट 2025: कैंसर मरीजों को बड़ी राहत, यूपी के सभी जिलों में खुलेंगे डे केयर सेंटर
- कैंसर के खिलाफ जंग अब और तेज हो सकेगी। कैंसर की दवाएं सस्ती किए जाने के साथ ही केंद्रीय बजट में सभी जिला अस्पतालों में डे-केयर कैंसर सेंटरों की स्थापना का प्रावधान किया है। इससे प्रदेश के 75 जिलों में कैंसर डे-केयर सेंटर खुल सकेंगे।
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यूपी में कैंसर के खिलाफ जंग अब और तेज हो सकेगी। कैंसर की दवाएं सस्ती किए जाने के साथ ही केंद्रीय बजट में सभी जिला अस्पतालों में डे-केयर कैंसर सेंटरों की स्थापना का प्रावधान किया है। इससे प्रदेश के 75 जिलों में कैंसर डे-केयर सेंटर खुल सकेंगे। इन सेंटरों के खुलने के बाद कैंसर पीड़ितों को इलाज के लिए बड़े शहरों की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। खासतौर से ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को इससे सहूलियत होगी। उन्हें किफायती और समय पर इलाज मिल सकेगा। कैंसर मरीजों को कीमोथेरेपी की सुविधा भी अपने जिलों में ही मिल सकेगी।
देश में कैंसर रोगियों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा राज्यसभा में पेश किए गए 2022 तक के कैंसर से जुड़े आंकड़ों में सर्वाधिक मरीज यूपी में थे। तब इनकी संख्या 2.10 लाख बताई गई थी। मौजूदा समय में यह आंकड़ा और बढ़ चुका है। हर जिले में डे-केयर कैंसर सेंटर खुलने से इस घातक बीमारी के खिलाफ लड़ाई को बल मिलेगा। यह रोगियों और उनके परिवारों को कैंसर से संबंधित चुनौतियों से निपटने में सहायता के लिए परामर्श और अन्य सहायता भी प्रदान करेगा। बजट में 36 जीवन रक्षक दवाओं और औषधियों को सीमा शुल्क से छूट दी गई है, जबकि 6 दवाओं को 5 फीसदी शुल्क वाली श्रेणी में रखा गया है। इसके अलावा 37 दवाओं और 13 रोगी सहायता कार्यक्रमों को छूट लिस्ट में शामिल किया गया है। इससे कैंसर और गंभीर पुरानी बीमारियों का इलाज सस्ता हो सकेगा।
इंटरनेट से जुड़ेंगी यूपी की 2923 पीएचसी
केंद्रीय बजट में सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के लिए ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी का प्रस्ताव किया गया है। प्रदेश में 2,923 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) हैं। अब इन सभी पीएचसी को इंटरनेट से जोड़ा जाएगा, जिससे लोगों को सुलभ, सस्ती और उपलब्ध स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिलेगा। खासतौर से ग्रामीण आबादी के लिए टेलीमेडिसिन सेवाएं, बेहतर डेटा प्रबंधन और विशेषज्ञ परामर्श जैसी सेवाओं की बेहतर पहुंच संभव हो सकेगी।