गोरखपुर, प्रयागराज समेत तीन शहरों में चलेगी लाइट मेट्रो, केंद्रीय बजट से खुली राह
- बजट से यूपी के छोटे शहरों जैसे गोरखपुर, प्रयागराज, झांसी, मेरठ और वाराणसी में लाइट मेट्रो रेल चलाने की राह खुल गई है। केंद्र सरकार द्वारा शनिवार को मेट्रो रेल परियोजना के लिए आवंटित बजट में उत्तर प्रदेश के हिस्से 1.73 लाख करोड़ रुपये मिलने का अनुमान है।
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केंद्रीय बजट से उत्तर प्रदेश के छोटे शहरों जैसे गोरखपुर, प्रयागराज, झांसी, मेरठ और वाराणसी में लाइट मेट्रो रेल चलाने की राह खुल गई है। केंद्र सरकार द्वारा शनिवार को मेट्रो रेल परियोजना के लिए आवंटित बजट में उत्तर प्रदेश के हिस्से 1.73 लाख करोड़ रुपये मिलने का अनुमान है। इसका मोटा हिस्सा कानपुर और आगरा मेट्रो रेल परियोजना के लिए जाएगा, लेकिन पहले से प्रस्तावित छोटे शहरों में भी मेट्रो की राह आसान हो जाएगी।
राज्य सरकार लखनऊ, कानपुर और आगरा में मेट्रो रेल चला रही है। वाराणसी में श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सुविधा के लिए रोप-वे चलाने की तैयारी है। इस पर काम चल रहा है। राज्य सरकार इसके साथ ही धार्मिक नगरी, वाराणसी, प्रयागराज में लाइट मेट्रो रेल चलाना चाहती है, जिससे इन दोनों धार्मिक शहरों में आने वाले पर्यटकों को शहरी यातायात की बेहतर सुविधा मिल सके। गोरखपुर में लाइट मेट्रो रेल चलने के लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) को मंजूरी देते हुए केंद्र सरकार को भेजा जा चुका है।
इसके साथ ही झांसी और मेरठ में भी भविष्य में लाइट मेट्रो रेल चलाने की तैयारी है। केंद्र सरकार द्वारा शनिवार को मेट्रो के लिए आवंटित बजट पर शासन के उच्चाधिकारियों का मानना है कि इससे उत्तर प्रदेश के अन्य राज्यों में लाइट मेट्रो रेल चलाने की राह खुल गई है। राज्य सरकार इन शहरों में भौतिक सर्वे कराने और वस्तुस्थिति का आकलन कराने के लिए केंद्र सरकार से मिलने वाले पैसे से कम करा सकती है।
पीएम ई-बस सेवा को 7277 करोड़
केंद्र सरकार ने राज्यों में शहरी यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए प्रधानमंत्री ई-बस सेवा की शुरुआत की है। उत्तर प्रदेश के 15 शहरों लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, प्रयागराज, मेरठ, अलीगढ़, आगरा, मथुरा-वृंदावन, बरेली, शाजहांपुर, गाजियाबाद, झांसी, गोरखपुर, अयोध्या और मुरादाबाद में ई-बसें चलाई जा रही हैं। केंद्र सरकार द्वारा पीएम ई-बस सेवा में आवंटित धनराशि में उत्तर प्रदेश के हिस्से 7277 करोड़ रुपये मिलने का अनुमान है। इससे यह साफ है कि उत्तर प्रदेश के इन 15 शहरों में जहां ई-बसों का बेड़ा जहां और बढ़ेगा, वहीं अन्य शहरों में भी बसों को चलाने पर विचार किया जा सकता है। इसके साथ ही ई-बसों के लिए ई-चार्जिंग स्टेशन बनाने की राह भी सुगम होगी, जिससे लोगों को इलेक्ट्रिक गाड़ियों की चार्जिंग की सुविधा मिलेगी।