Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़bsp did not even get the benefit of alliance in haryana loss of votes percentage

बसपा को हरियाणा में गठबंधन का भी नहीं मिला फायदा, 2.32 फीसदी वोटों का नुकसान

  • हरियाणा विधानसभा चुनाव में गठबंधन के बाद भी BSP को कोई फायदा नहीं मिल पाया। बसपा सुप्रीमो मायावती और भतीजे आकाश आनंद द्वारा लगातार प्रचार करने व चौपाल लगाने के बाद भी उसके हिस्से सिर्फ 1.82 फीसदी वोट ही आया। स्थिति यह रही कि अधिकतर सीटों पर वह 5000 के अंदर ही सिमट गई।

Ajay Singh लाइव हिन्दुस्तानWed, 9 Oct 2024 04:07 PM
share Share

BSP in Haryana Elections: बहुजन समाज पार्टी को हरियाणा विधानसभा चुनाव में गठबंधन के बाद भी कोई फायदा नहीं मिल पाया। बसपा सुप्रीमो मायावती और भतीजे आकाश आनंद द्वारा लगातार प्रचार करने व चौपाल लगाने के बाद भी उसके हिस्से सिर्फ 1.82 फीसदी वोट ही आया। स्थिति यह रही कि अधिकतर सीटों पर वह 5000 के अंदर ही सिमट गई। यूपी में 10 विधानसभा सीटों पर कभी भी उपचुनाव की घोषणा हो सकती है और वह इस बार चुनाव मैदान में उतरने जा रही है। कहीं ऐसा न हो उपचुनाव पर भी इसकी छाया पड़ जाए। ऐसे में बसपा को नए सिरे से समीकरण बनाते हुए जमीन मजबूत करने की जरूरत होगी। बीते विधानसभा चुनाव की तुलना में उसे 2.32 फीसदी वोटों का नुकसान हुआ।

बसपा हरियाणा विधानसभा चुनाव इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के साथ गठबंधन कर लड़ी थी। बसपा सुप्रीमो का मानना था कि दलित और जाट वोट बैंक के सहारे वह हरियाणा विधानसभा चुनाव में कुछ सीटें जरूर जीतेगी। हरियाणा चुनाव में जीत को आधार बनाकर वह यूपी में यह सबित करती कि बसपा पर दलितों को आज भी विश्वास है। यूपी में आगे चलकर आकाश को पूरी तरह से लांच भी करने की योजना थी। इसीलिए उन्हें हरियाणा की कमान सौंपी गई। आकाश लगातार चौपाल करते रहे और पार्टी संस्थापक कांशीराम का हवाला देते रहे। कांशीराम हरियाणा के पड़ोसी राज्य पंजाब के रहने वाले थे।

बसपा को उम्मीद थी कि कांशीराम के नाम का उसे सहारा जरूर मिलेगा, लेकिन उसका यह दांव भी नहीं चल सका और उसे मात्र 1.82 फीसदी ही वोट मिला। बसपा अधिकतर सीटों पर 5000 के अंदर ही सिमट गई। उदाहरण के तौर पर रात आठ बजे तक उसे अंबाला सिटी में 1305, बड़खल 2493, बादशाहपुर 1561, बड़ौदा 1742, बवानी खेड़ा 1128, दादरी 1036 और गनौर सीट पर 686 वोट मिले थे।

हरियाणा में 20 फीसदी के करीब दलित मतदाता बताए जाते हैं। हरियाणा में वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में बसपा अपने दम पर 87 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और उसे 4.14 फीसदी वोट मिला था। बसपा के लिए यह स्थिति ठीक नहीं मानी जा सकती है, क्यूंकि यूपी में जल्द ही 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की घोषणा हो सकती है। अमूमन उपचुनाव न लड़ने वाली बसपा इस बार सभी सीटों पर चुनाव लड़ने जा रही है।

अगला लेखऐप पर पढ़ें