Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Broken idols were found from the excavation of the sanctum sanctorum of Gaurishankar temple of Moradabad

मुरादाबाद के गौरीशंकर मंदिर की खुदाई से निकलीं खंडित मूर्तियां, 44 साल से बंद था गर्भगृह

  • मुरादाबाद में 1980 से बंद पड़े गोरीशंकर मंदिर की प्रशासन ने सोमवार को खुदाई करवाई। इस दौरान मंदिर के गर्भगृह से पार्वती, गणेश समेत अन्य देवी-देवताओं की खंडित मूर्तियां मिलीं। प्रशासन का दावा है कि इसे पुराने स्वरूप में वापस लाया जाएगा।

Pawan Kumar Sharma हिन्दुस्तान, संवाददाता, मुरादाबादMon, 30 Dec 2024 09:30 PM
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मुरादाबाद के नागफनी क्षेत्र में स्थित बंद पड़े गौरीशंकर मंदिर की पुलिस-प्रशासन ने सोमवार को खुदाई करवाई। यहां मंदिर के गर्भ गृह में शिवलिंग समेत पार्वती, गणेश और कार्तिके की खंडित मूर्तियां मिलीं। दीवार पर हनुमान की मूर्ति भी क्षतिग्रस्त मिली। प्रशासन का दावा है कि इसे पुराने स्वरूप में वापस लाया जाएगा।

सेवाराम ने 26 दिसंबर को प्रार्थना पत्र देकर नागफनी थाना क्षेत्र में झब्बू के नाले के पास स्थित इस मंदिर को खुलवाने की मांग जिलाधिकारी और एसएसपी से की थी। सेवाराम ने दावा किया था कि मंदिर सौ बरस पुराना है। उनके परदादा भीसमेन ने मंदिर का निर्माण करवाया था। वर्ष 1980 के दंगों में दादा गंगासरन की हत्या के बाद से मंदिर बंद है। पूजापाठ भी नहीं होता। इसके अगले ही दिन एसडीएम सदर आईएएस डा. राम मोहन मीणा और एसपी सिटी ने मंदिर का निरीक्षण किया था।

सोमवार को पुलिस प्रशासनिक अफसरों ने मंदिर खुलवा कर गौरीशंकर मंदिर को देखा तो गर्भ गृह में पूरी तरह से पटा हुआ था। गर्भ गृह में खुदाई शुरू करवाई गई तो यहां शिवलिंग क्षतिग्रस्त मिला। पास में भगवती पार्वती की खंडित मूर्ति मिली। दीवार में गणेश, कार्तिकेय भगवान की भी मूर्तियां खंडित मिलीं। वहीं दीवार पर स्थापित हनुमान की मूर्ति भी क्षतिग्रस्त मिली। इन सभी मूर्तियों के मिलने के बाद साफ सफाई करवा कर मलबा हटवाया गया। इसके बाद मंदिर के गर्भ गृह से परिसर तक को पूरी तरह साफ करवाया गया। मंदिर की खुदाई के दौरान वहां काफी संख्या में लोग जमा रहे। सनातन धर्म से जुड़े लोग भी पहुंचे। पुलिस ने इस मंदिर को सुरक्षा के बीच खुदवाया। अब इसे मूल स्वरूप मे लाने के लिए प्रयास किए जाएंगे।

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एसडीएम राम मोहन मीणा ने बताया कि मंदिर का गर्भ गृह बरसों से बंद था वह मिट्टी मलवे से पूरी तरह चिना गया था। उसे पुलिस की मौजूदगी में खुदवाया गया है। यहां शिवलिंग समेत खंडित मूर्तियां मिली हैं। मंदिर की साफ सफाई करवाई गई है। मंदिर को मूल स्वरूप में वापस लाया जाएगा।

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तीन साल से मोहिनी किन्नर कर रही थीं देखभाल

दिसंबर 2021 से इस मंदिर की देखरेख मोहल्ले में रहने वाली मोहिनी किन्नर कर रही थीं। उन्होंने बताया कि मंदिर की साफ सफाई के अलावा वह जाल के पास प्रतिदिन दीपक जलाती थीं। गर्भ गृह चिना था तो वहां पूजा पाठ नहीं हो पाता था। मोहिनी के अनुसार यहां किसी को कोई ऐतराज देखरेख या पूजा पाठ से नहीं है। मंदिर में बाउंड्रीवाल का काम भी उन्होंने सभी के सहयोग से करवाया था। मंदिर की खुदाई के बाद उन्होंने हर्ष जताया साथ ही उम्मीद की मंदिर में जल्द परंपरागत ढंग से पूजा पाठ शुरू किया जा सकेगा।

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1980 के दंगों के बाद से बंद है गौरीशंकर मंदिर

मंदिर खुलवाने की गुहार करने वाले सेवाराम अब लाइनपार में रहते हैं उन्होंने 26 दिसंबर को डीएम एसएसपी से मिलकर इस प्राचीन गौरीशंकर मंदिर खुलवाने की मांग की थी। मंदिर की खुदाई के दौरान उन्हें भी बुलाया गया। गर्भ गृह की सफाई के बाद वह बातचीत में भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि पुरखों की धरोहर फिर जिंदा होगी। मेरे परदादा भीमसेन व दादा गंगासरन को आज खुशी महसूस हो रही होगी। उन्होंने बताया कि अफसरों ने आश्वस्त किया है कि मंदिर का पुराना स्वरूप लौटाएंगे। सेवाराम ने कहा कि मंदिर का परिजनों के पास जो नक्शा मिला वह सत्तर बरस पुराना है यह उस वक्त है जब इसका जीर्णोद्धार हुआ था जो मूर्तियों की कलाकृति मिली है उसके अनुसार मंदिर सौ से डेढ़ सौ साल पुराना बताया जाता है। उन्होंने बताया कि वह अस्सी के दंगों से पहले मंदिर के पास ही रहते थे बाद मे वह लाइनपार चले गए। अब मंदिर खुलने से उन्हें अपार खुशी हो रही है।

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नई मूर्तियों लाकर प्राण प्रतिष्ठा करवाई जाएगी

गौरीशंकर मंदिर में खंडित मूर्तियों की नए सिरे से प्राण प्रतिष्ठा होगी। विहिप के मंदिर अचर्क पुरोहित के प्रांत प्रमुख अर्ध मौनी धीरशांत दास ने बताया कि इसमें सभी के सहयोग से मंदिर में पुन: मूर्तियां लाकर प्राण प्रतिष्ठा करवाई जाएगी। भारत संस्कृति रक्षा अभियान के अनिल सिक्का ने कहा कि देश में भयमुक्त वातावरण है। धर्मस्थलों की अवमानना होती आई है। अब जो भी मंदिर में पूजा अर्चना करना चाहता है उसे सभी स्थानों पर अनुमति मिलनी चाहिए। इस मंदिर का भी जीर्णोद्धार होना चाहिए।

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हिन्दू संगठनों के नेता खुदाई के दौरान पहुंचे, पुलिस बल रहा एलर्ट

गौरीशंकर मंदिर के गर्भ गृह की खुदाई की सूचना मिलने पर हिंदू संगठनों के लोग भी पहुंचे। खुदाई के दौरान पुलिस बल भी सतर्क रहा। खुदाई के दौरान पुलिस बल पहले से बुला लिया था। एसडीएम सदर ज्वाइंट मजिस्ट्रेट डा. राम मोहन मीणा के अलावा पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में मंदिर के गर्भ गृह की खुदाई करवाई गई।

इस दौरान विश्व हिंदू परिषद के मंदिर अर्चक प्रांत प्रमुख धीरशांत दास और भारत संस्कृति रक्षा अभियान से जुड़े अनिल सिक्का समेत कुछ और लोग पहुंचे। सभी ने मंदिर के खुलने पर हर्ष जताया साथ ही मूर्तियों की दोबारा प्राण प्रतिष्ठा के लिए जोर दिया। मंदिर की मूर्तियां कैसे खंडित हुईं कब टूटीं इस पर भी सवाल उठाए गए। आशंका जताई गई कि अस्सी के दंगे के बाद मंदिर क्षतिग्रस्त हुआ होगा। इससे परे अब हिंदू संगठन के लोगों का जोर है कि मंदिर को दोबारा मूल स्वरूप में स्थापित किया जाए।

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