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बिजनौर के आरजेपी कॉलेज में दिखता है बनारस विवि का अक्स

बिजनौर का राजा ज्वाला प्रसाद इंटर कालेज, बनारस विवि के नक्शे से प्रेरित है। राजा ज्वाला प्रसाद, जो उत्तर प्रदेश के पहले भारतीय चीफ इंजीनियर थे, ने बनारस विवि की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।...

Newswrap हिन्दुस्तान, बिजनौरSat, 14 Sep 2024 05:20 PM
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बिजनौर। बिजनौर का राजा ज्वाला प्रसाद इंटर कालेज इंजीनियरिंग का एक बेहतरीन नमूना है। इस कालेज में बनारस विवि के भवन का अक्स दिखता है। आज भी कॉलेज में जाने पर ऐसा प्रतीत होता है जैसे आप बनारस विवि के किसी भवन में आ गए हों। इस विद्यालय का नक्शा भी बनारस विवि के नक्शा बनाने वाले राजा ज्वाला प्रसाद ने स्वयं ही तैयार किया था। हालांकि कॉलेज उनके निधन के बाद बनकर तैयार हुआ, जिसमें आज हजारों छात्र-छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। बिजनौर में 22 नवंबर 1872 को जन्मे राजा ज्वाला प्रसाद उत्तर प्रदेश के प्रथम भारतीय चीफ इंजीनियर थे। भारत के प्राचीनतम विश्वविद्यालयों में से एक काशी हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना तथा उसके विकास में ज्वाला प्रसाद की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। विवि की स्थापना के समय मदन मोहन मालवीय जब प्रयासरत थे तो राजा ज्वादा प्रसाद ने उनके साथ मिलकर विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए न केवल प्रमुख नगरों में जाकर आर्थिक सहायता एकत्र की बल्कि काशी विश्वविद्यालय के भवन का मानचित्र भी ज्वाला प्रसाद ने ही तैयार किया था। तत्कालीन टॉमसन सिविल इंजीनियरिंग कॉलेज (वर्तमान में आईआईटी रुड़की) से प्रथम श्रेणी में सिविल इंजीनियरिंग पास करने वाले ज्वाला प्रसाद अपने विषय के मर्मज्ञ विद्वान थे। उन्होंने बनारस विश्वविद्यालय का खाका तैयार किया था और आज के बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की नींव रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिसकी महिमा अस्तित्व में आने के 100 से अधिक वर्षों के बाद भी कायम है।

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काउंसिल आफ इंडिया तथा टॉमसन पुरस्कार से किया गया था सम्मानित

इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान कॉलेज में प्रथम स्थान प्राप्त करने के लिए राजा ज्वाला प्रसाद को उस समय का प्रतिष्ठित पुरस्कार काउंसिल आफ इंडिया तथा टॉमसन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इसके अतिरिक्त गणित जैसे जटिल विषय में कॉलेज टॉप करने के लिए भी ज्वाला प्रसाद को गोल्ड मेडल प्रदान किया गया था। यह तमाम विशिष्ट उपलब्धियां बताती हैं कि ज्वाला प्रसाद अपने समय के मर्मज्ञ इंजीनियर ही नहीं बल्कि कर्मठ तथा जुझारू व्यक्ति भी थे।

बनारस विवि ने शुरू की 'राजा ज्वाला प्रसाद पोस्ट-डॉक्टोरल फ़ेलोशिप'

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय ने 'राजा ज्वाला प्रसाद पोस्ट-डॉक्टोरल फ़ेलोशिप' शीर्षक वाली नई योजना भी शुरू की है। इसका उद्देश्य उन संकाय सदस्यों को प्रोत्साहित करना और सशक्त बनाना है जो अनुसंधान गतिविधियों के लिए बाहरी फंडिंग सुरक्षित करते हैं। फेलोशिप एक वर्ष के लिए होगी। बनारस हिंदू विवि ने अपने भूतपूर्व प्रो-वाइस चांसलर राजा ज्वाला प्रसाद के नाम पर यह योजना रखी है, जो बीएचयू की स्थापना की सफलता में उनके महान योगदान के लिए एक श्रद्धांजलि है।

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