पुलिस हिरासत में कारोबारी की मौत पर बड़ा ऐक्शन, तीन दरोगा सस्पेंड, थाना प्रभारी लाइन हाजिर
- आगरा जिले में पुलिस हिरासत में कारोबारी की मौत के मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है। मामले में तीन पुलिस उपनिरीक्षकों को निलंबित कर दिया गया है जबकि थाना प्रभारी को लाइन हाजिर कर दिया गया है।
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आगरा जिले में पुलिस हिरासत में कारोबारी की मौत के मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है। मामले में तीन पुलिस उपनिरीक्षकों को निलंबित कर दिया गया है जबकि थाना प्रभारी को लाइन हाजिर कर दिया गया है। आगरा पुलिस आयुक्तालय द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक बृहस्पतिवार को धोखाधड़ी के मामले में डौकी थाने से संबद्ध कबीस चौकी में कारोबारी केदार (58) को पूछताछ के लिए लाया गया था और इस दौरान पुलिस हिरासत में उसकी मौत हो गई।
बयान के अनुसार केदार के बेटे देवेंद्र ने आरोप लगाया कि जब उनके पिता से चौकी में पूछताछ की जा रही थी तभी उनकी तबीयत बिगड़ गई और चौकी में ही उनकी मौत हो गई। बयान के अनुसार पुलिस उपायुक्त (पूर्वी क्षेत्र) अतुल शर्मा ने मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में कबीस चौकी के प्रभारी सिद्धार्थ चौधरी और डौकी थाने में तैनात उप निरीक्षक शिव मंगल और राम सेवक को निलंबित कर दिया है तथा डौकी थाने के प्रभारी तरुण धीमान को हटा कर लाइन हाजिर कर दिया है। इसमें कहा गया कि मामले की जांच की जा रही है।
कारोबारी की मौत पर जमकर बवाल
आगरा जिला मुख्यालय से 22 किमी दूर कबीस पुलिस चौकी में आटा चक्की मालिक की मौत पर बवाल हो गया। भीड़ ने चौकी घेरी तो पुलिसकर्मी भाग गए। यहां घंटों हंगामे के बाद भीड़ आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर पहुंच गई और पत्थर रखकर जाम लगा दिया। करीब दो घंटे जाम के दौरान नारेबाजी करते पुलिस पर पीटकर हत्या का आरोप लगाया। पुलिस के मुताबिक, डौकी के गांव गढ़ी हीसिया निवासी 52 वर्षीय केदार सिंह वर्ष 2023 में दर्ज धोखाधड़ी के मुकदमे में गवाह थे। पत्नी चंद्रकांता ने बताया कि दोपहर करीब दो बजे कबीस पुलिस चौकी से चार पुलिसकर्मी गांव आए। पति से साथ चलने को कहा।
केदार अपनी बाइक से चलने लगे तो एक सिपाही साथ बैठ गया। आरोप है कि गांव से बाहर आते ही पुलिसकर्मियों ने केदार से मारपीट की। चौकी पहुंचने पर पुलिसकर्मियों ने केदार को फिर पीटा। उसकी तबीयत बिगड़ गई। पुलिसकर्मियों के हाथ-पैर फूल गए। केदार को ऑटो में डालकर अस्पताल लेकर दौड़े। बाद में एसएन मेडिकल कॉलेज ले जाने पर डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। इधर, केदार की मौत की खबर पर गांव में आक्रोश फैल गया। भीड़ चौकी पर पहुंच गई। केदार को सौंपने की मांग को लेकर हंगामा होने लगा। बवाल बढ़ता देख पुलिसकर्मी चौकी छोड़कर भाग गए।