आगरा पुलिस हिरासत में कारोबारी की मौत, परिवार का जमकर बवाल, पीटकर हत्या का आरोप
- आगरा में जिला मुख्यालय से 22 किमी दूर कबीस पुलिस चौकी में आटा चक्की मालिक की मौत पर बवाल हो गया। भीड़ ने चौकों घेरी तो पुलिसकर्मी भाग गए। यहां घंटों हंगामे के बाद भीड़ आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर पहुंच गई और पत्थर रखकर जाम लगा दिया।
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आगरा में जिला मुख्यालय से 22 किमी दूर कबीस पुलिस चौकी में आटा चक्की मालिक की मौत पर बवाल हो गया। भीड़ ने चौकों घेरी तो पुलिसकर्मी भाग गए। यहां घंटों हंगामे के बाद भीड़ आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर पहुंच गई और पत्थर रखकर जाम लगा दिया। करीब दो घंटे जाम के दौरान नारेबाजी करते पुलिस पर पीटकर हत्या का आरोप लगाया। बाद में शाम 7.45 बजे पुलिस ने बलपूर्वक जाम को खुलवा दिया। पुलिस के मुताबिक, डौकी के गांव गढ़ी हीसिया निवासी 52 वर्षीय केदार सिंह वर्ष 2023 में दर्ज धोखाधड़ी के मुकदमे में गवाह थे।
पत्नी चंद्रकांता ने बताया कि दोपहर करीब दो बजे कबीस पुलिस चौकी से चार पुलिसकर्मी गांव आए। पति से साथ चलने को कहा। केदार अपनी बाइक से चलने लगे तो एक सिपाही साथ बैठ गया। आरोप है कि गांव से बाहर आते ही पुलिसकर्मियों ने केदार से मारपीट की। चौकी पहुंचने पर पुलिसकर्मियों ने केदार को फिर पीटा। उसकी तबीयत बिगड़ गई। पुलिसकर्मियों के हाथ-पैर फूल गए। केदार को ऑटो में डालकर अस्पताल लेकर दौड़े। बाद में मेडिकल कॉलेज ले गए। वहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। आगरा, डीसीपी पूर्वी जोन, अतुल शर्मा ने कहा कि केदार सिंह को कबीस चौकी पर पुलिस पूछताछ के लिए लायी थी। अचानक तबीयत खराब होने पर उसकी मौत हो गई। आरोपों की जांच के बाद कार्रवाई होगी।
पुलिस पर आरोप, मुंह में कपड़ा ठूंसकर पीटा गया
केदार सिंह की पत्नी चंद्रकांता ने पति की हत्या का आरोप पुलिस वालों पर लगाया है। उन्होंने पुलिस उपायुक्त के नाम पर तहरीर दी है। तहरीर में थाना प्रभारी चौकी तरुण, चौकी इंचार्ज कबीस सिद्धार्थ व दरोगा शिवमंगल को नामजद किया है। आरोप लगाया है कि पुलिस कर्मी पति को उठाकर लेकर गए थे। रास्ते में मारपीट करते हुए कबीस चौकी पर लेकर गए। चौकी पर मुंह में कपड़ा ठूंसकर पति को बेरहमी से पीटा था। केदार की मौके पर ही मौत हो गई थी। फिलहाल देर रात तक कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया गया था।
पुलिस पर सवाल खड़े
कहा जा रहा है कि केदार सिंह न तो मुकदमे में वादी था और न ही उसमें आरोपित फिर भी उसे चौकी पर बुलाया गया। उसकी मौत हो गई। नवंबर 2023 में दर्ज मुकदमे में आखिर पुलिस उसे बुलाकर क्यों लेकर आई थी। आटा चक्की मालिक केदार सिंह के खिलाफ कोई मुकदमा दर्ज नहीं था। 26 नवंबर 2023 को गांव बरौली गूजर निवासी अशोक कुमार ने धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया था। अशोक का परिवार वर्तमान गांव लछवाई, सैफई (इटावा) में रहता है। उसने मुकदमे में राजेंद्र, राजवीर सिंह, रमेश, रामसेवक, जिरिया, शीला देवी ग्राम प्रधान, वीरेश, भगवान सिंह व कौलारा कला स्थित स्टेट बैंक के कर्मचारियों को आरोपित किया था।
उसका फर्जी किसानकार्ड लगाकर उसकी जमीन पर बैंक से 7.18 लाख रुपये का लोन लिया गया था। इसकी जानकारी उसे बाद में हुई थी। लोन के लिए किसी दूसरे की फोटो लगाकर किसान पहचानपत्र लगाया गया था। जिसे ग्राम प्रधान ने प्रमाणित किया था। 14 महीने से मुकदमे की विवेचना चल रही है। इसी मुकदमे में विवेचक शिवमंगल पुलिस कर्मियों के साथ केदार सिंह को बुलाने पहुंचे थे। बताया जाता है कि केदार सिंह ने घटना के बाद आरोपियों की पहचान में पीड़ित की मदद की थी। वह धोखाधड़ी के मुकदमे में गवाह थे। पुलिस चौकी पर लाकर उनसे क्या पूछताछ करना चाहती थी यह कोई बताने वाला नहीं है। चौकी खाली हो गई थी।
संघर्ष : पुलिस पर सवाल के साथ एक बेटे के लिए मांगी सरकारी नौकरी
पुलिस की कार्यशैली को लेकर केदार सिंह के घरवाले काफी आक्रोशित थे ।वे बार-बार दोषी पुलिस कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग कर रहे थे। ग्रामीणों के अनुसार पीडित परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। नाम मात्र की ही खेती है। इसलिए केदार घर पर ही आटा चक्की चलाते थे। केदार के दो पुत्र हैं। घरवालों की मांग है कि एक पुत्र को सरकारी नौकरी दी जाए। आर्थिक पिता केदार की मौत की जानकारी होने पर उसकी बेटी नीतू वहां पहुंच गयी। वहां उसकी मौके पर मौजूद फतेहाबाद के प्रभारी निरीक्षक डीपी तिवारी से तीखी झड़प हो गयी। किसी तरह पुलिस कर्मियों और अन्य लोगों ने उसे समझाया। इधर बताया गया है कि केदार से मारपीट का आरोपी दरोगा बाइक से चौकी से भाग निकला था। ग्रामीणों ने उसका पीछा भी किया
सतर्कताः गांव में तैनात रहा पुलिस बल, चौकी पर पहुंची पीएसी की गाड़ी
कबीस चौकी चौराहे पर ही है। यहां से नूरपुर तनौरा, नदौता-कुंडौल के लिए रास्ते निकलते हैं। घटना के बाद ग्रामीणों की भीड़ के कारण यहां कबीस चौराहे पर देर शाम तक अफरा-तफरी का माहौल रहा। यहां भी वाहनों का फंसना शुरू हो गया था। लोग खेतों से अपने वाहनों को निकालने लगे। यहां काफी हंगामे के बाद केदार सिंह के परिजन और भीड़ लखनऊ एक्सप्रेस वे पर पहुंच गयी। इधर रात को कबीस चौकी पर पीएसी की एक गाड़ी भी तैनात कर दी गयी। रात को भी गांव के पा पुलिस बल तैनात रहा। इसके पीछे पुलिस अधिकारियों का मानना था कि रात या अल सुबह गांव में या चौकी पर कोई अप्रिय वारदात नहीं हो जाए। पुलिस के आलाधिकारी भी देर रात तक गांव के माहौल का अपडेट लेते रहे।