Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Ayushman card became a boon for the poor in UP people are getting treatment in Apollo Mendata also

यूपी में गरीबों के लिए वरदान बना आयुष्मान कार्ड, अपोलो-मेंदाता में भी लोग करा रहे इलाज

  • मोदी सरकार की आयुष्मान भारत योजना यूपी में गरीबों और जरूरतमंदों के लिए वरदान साबित हो रही है। इस कार्ड के जरिए जरूरतमंद मरीज खर्चीला माने जाने वाले अपोलो और मेदांता जैसे अस्पतालों में भी फ्री में अपना इलाज करा रहे हैं।

Yogesh Yadav लाइव हिन्दुस्तानThu, 8 Aug 2024 12:50 PM
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मोदी सरकार की आयुष्मान भारत योजना यूपी में गरीबों और जरूरतमंदों के लिए वरदान साबित हो रही है। इस कार्ड के जरिए जरूरतमंद मरीज खर्चीला माने जाने वाले अपोलो और मेदांता जैसे अस्पतालों में भी फ्री में अपना इलाज करा रहे हैं। मरीजों को गंभीर से गंभीर बीमारी में आसानी से इलाज मिल रहा है। पूरे देश में उत्तर प्रदेश ही ऐसा राज्य है, जहां सबसे ज्यादा आयुष्मान कार्ड धारक हैं। योगी सरकार 5 करोड़ से अधिक आयुष्मान कार्ड बनाकर पूरे देश में नंबर वन है। अब तक 25 सौ करोड़ से अधिक की धनराशि गंभीर बीमारी वाले 6 लाख से अधिक मरीजों के इलाज में खर्च की जा चुकी है। इतना ही नहीं दूसरे प्रदेश के आयुष्मान कार्ड धारक भी प्रदेश की बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ ले रहे हैं।

कॉरपोरेट अस्पतालों में भी कार्ड धारकों का इलाज

प्रमुख सचिव चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप गरीब जनता को आयुष्मान भारत का लाभ देने के लिए युद्धस्तर पर आयुष्मान कार्ड बनाए जा रहे हैं। इसी का नतीजा है कि प्रदेश में 5 करोड़ 11 लाख 72 हजार 647 आयुष्मान कार्ड धारक हैं। जिन्हे प्रदेश के 5,669 अस्पतालों द्वारा इलाज मुहैया कराया जा रहा है। इनमें 2948 सरकारी और 2721 प्राइवेट अस्पताल शामिल हैं। इतना ही नहीं प्रदेश के कारॅपोरेट अस्पतालों मेें भी कार्ड धारकों को इलाज मिल रहा है। इसमें अपोलो, मेदांता, यशोदा, रिजेंसी, टेंडर पॉम जैस बड़े कॉर्पोरेट अस्पताल शामिल हैं। योजना के तहत अब तक 45,19,375 मरीजों के इलाज में 7040 करोड़ रुपये खर्च किये जा चुके हैं। प्रमुख सचिव ने बताया कि उत्तर प्रदेश कार्ड बनाने के मामले में विगत कई वर्षों से पूरे देश में नंबर वन राज्य बना हुआ है, जबकि दूसरे स्थान पर मध्य प्रदेश है, जहां 4 करोड़ 3 लाख कार्ड बनाए गए हैं। वहीं तीसरे स्थान पर बिहार है, जहां 3 करोड़ 26 लाख कार्ड बनाए गए हैं।

दूसरे राज्यों के एक लाख से अधिक कार्ड धारकों ने कराया इलाज

साचीज की सीईओ संगीता सिंह ने बताया कि आयुष्मान कार्ड धारक मरीजों की गंभीर से गंभीर बीमारी का भी आसानी से इलाज किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अब तक 2,557 करोड़ से टर्शियरी केयर के तहत 6,98,831 मरीजों को इलाज उपलब्ध कराया गया है। इसमें 66,513 हृदय रोगियों का इलाज किया गया। इनके इलाज में 684 करोड़ रुपये खर्च किये गये। वहीं दूसरे राज्य के 1,79,141 मरीजों ने प्रदेश की बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ लिया। इनके इलाज में 491 करोड़ रुपये खर्च किये गये जबकि प्रदेश के बाहर रहने वाले 3,05,264 प्रदेशवासी मरीजों ने दूसरे प्रदेश में इलाज कराया। इनके इलाज में 821 करोड़ रुपये खर्च किये गये।

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