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अतुल सुभाष सुसाइड: निकिता के परिवार को बख्शने के मूड में नहीं बंगलुरु पुलिस, साक्ष्य जुटाने कोर्ट पहुंची

एआई इंजीनियर अतुल सुभाष की सुसाइड के मामले में बंगलुरु पुलिस उसकी पत्नी निकिता और ससुरालियों को किसी भी तरह से बख्शने के मूड में नहीं दिखाई दे रही है। अतुल सुभाष के भाई की शिकायत पर आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज होते ही बंगलुरु पुलिस फास्ट हो चुकी है।

Yogesh Yadav लाइव हिन्दुस्तान, जौनपुरSat, 14 Dec 2024 08:30 PM
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अतुल सुभाष सुसाइड: निकिता के परिवार को बख्शने के मूड में नहीं बंगलुरु पुलिस, साक्ष्य जुटाने कोर्ट पहुंची

एआई इंजीनियर अतुल सुभाष की सुसाइड के मामले में बंगलुरु पुलिस उसकी पत्नी निकिता और ससुरालियों को किसी भी तरह से बख्शने के मूड में नहीं दिखाई दे रही है। अतुल सुभाष के भाई की शिकायत पर आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज होते ही बंगलुरु पुलिस फास्ट हो चुकी है। चार सदस्यीय टीम तीन दिनों से जौनपुर में ही डेरा डाले हुए है। टीम में एक महिला सिपाही के आने से साफ है कि इनका मकसद किसी भी तरह अतुल सुभाष की पत्नी को भी गिरफ्तार करना लग रहा है।

टीम ने यहां आते ही निकिता के घर पर नोटिस चस्पा कर तीन दिन के अंदर बंगलुरु में आने और बयान देने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही मरने से पहले अतुल के वीडियो और सुसाइड लेटर में केस को लेकर जो आरोप लगाए गए हैं, उनकी सच्चाई जानने के लिए जौनपुर की कोर्ट और इलाहाबाद की हाईकोर्ट से भी दोनों के बीच चल रहे केस की फाइल और प्रार्थना पत्रों को साक्ष्य के रूप में जुटा रही है।

नौ दिसंबर को अतुल सुभाष बेंगलुरु में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। आत्महत्या से पहले उसने 24 पेज का सुसाइड नोट लिखा और सवा घंटे का एक वीडियो भी बनाया था। वीडियो और सुसाइड नोट में अतुल ने पत्नी और ससुरालियों के साथ ही परिवार न्यायालय पर भी सवाल खड़ा किया था। सुसाइड नोट के हर पेज पर उसने इंसाफ की गुहार लगाई थी। यह भी लिखा था कि मेरे मरने के बाद भी इंसाफ न मिले तो मेरे अस्थि कलश को अदालत के सामने ही गटर में डाल देना।

अतुल के भावुक सुसाइड नोट और वीडियो ने लोगों को हिलाकर रख दिया था। इसी के बाद अतुल के भाई की शिकायत पर बंगलुरु पुलिस ने केस दर्ज किया और जौनपुर पहुंच गई। अतुल ने आत्महत्या के लिए पत्नी निकिता सिंघानिया, सास निशा सिंघानिया, साले अनुराग सिंघानिया और चचेरे ससुर सुशील सिंघानिया को जिम्मेदार ठहराया।

हर मुकदमे और प्रार्थनापत्र की नकल जुटा रही पुलिस

बेंगलुरु पुलिस एसआई रंजीत कुमार के नेतृत्व में जौनपुर आई है। टीम में एक महिला सिपाही सहित कुल चार लोग हैं। टीन में पहले दिन यानी शुक्रवार को निकिता सिंघानिया और अन्य आरोपियों के घर नोटिस चस्पा किया। उसके बाद न्यायालय पहुंची, जहां विभिन्न न्यायालय से मुकदमों की नकल निकालने का प्रयास किया। पुलिस विभाग के सूत्रों की मानें तो ज्यादातर नकल मिल गए हैं, लेकिन एक न्यायालय का नकल सोमवार को मिलने की उम्मीद है। शनिवार और रविवार को अवकाश होने के कारण टीम प्रयागराज गई। वहां अधिवक्ता से मिलकर हाईकोर्ट में चल रहे का डिटेल्स जानने का प्रयास किया।

आज तक हाजिर नहीं हुए तो आरोपियों की बढ़ सकती हैं मुश्किलें

जौनपुर। अतुल सुभाष की आत्महत्या मामले में आरोपी अतुल की पत्नी निकिता, सास निशा, साला अनुराग और चचेरे ससुर सुशील सिंघानिया का घटना के छठे दिन भी कोई पता नहीं चला। घटना के दो दिन के बाद से ही सभी घर छोड़कर गायब हैं। ऐसे में बेंगलुरु पुलिस ने नोटिस चस्पा कर दिया है। नोटिस में तीन दिन के भीतर उपस्थित होकर अपनी बात रखने के लिए कहा गया है। इस तरह से रविवार को तीसरा दिन होगा। जानकारों की मानें तो यदि आज तक ये लोग हाजिर नहीं हुए तो मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

निकिता और उसके परिवार का प्रयागराज में होने की संभावना

नौ दिसंबर को हुई घटना के बाद हर कोई निकिता के बयान का इंतजार कर रहा है। जो आरोप लगे हैं उनमें कितना दम है। इसे जानने के लिए लोग निकिता और उसके परिवार वालों के बयान पर नजर गड़ाए हुए हैं। जौनपुर में नहीं होने के कारण आशंका जताई जा रही है कि पूरा परिवार प्रयागराज में होगा, क्योंकि वहां अग्रिम जमानत के लिए प्रार्थनापत्र भी निकिता की तरफ से डाला गया है। सोमवार को उसपर सुनवाई की उम्मीद है।

पन्ना-पन्ना साक्ष्य जुटा रही पुलिस टीम

निकिता के परिवार को शिकंजा कसने के लिए बंगलुरु पुलिस पन्ना-पन्ना साक्ष्य जुटा रही है। एक-एक कोर्ट, थाना, बैंक से विस्तृत जानकारी जुटायी जा रही है, ताकि सच सामने आ सके। इसके लिए कर्नाटक पुलिस ने दो टीमों का गठन भी किया है। एक टीम बेंगलुरु में और दूसरी टीम यूपी में जांच कर रही है। उम्मीद है कि यही टीम आने वाले दिनों में समस्तीपुर और दूसरी वाली टीम दिल्ली में जांच करेगी।

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस इस लिए एक-एक साक्ष्य इकठ्ठा कर रही है, ताकि यह पता चल सके कि अतुल के आरोपों में किसी सत्यता है। साथ ही दहेज उत्पीड़न, घरेलु हिंसा जैसे मुकदमें दाखिल करते समय निकिता ने भी कई आरोप लगाए थे। ऐसे में उसकी बातों कितना दम है। पन्ने-पन्ने के साक्ष्य से दूध का दूध और पानी का पानी होगा।

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