आसपा ने कोई सीट नहीं जीती पर फीकी कर दी सपा-बसपा की चमक, वेस्ट में चंद्रशेखर की दमदार आमद
- नगीना से सांसद बनने के बाद उपचुनाव में आसपा को हासिल मतों ने पार्टी कार्यकर्ताओं में भी नई जान फूंक दी है। नगीना में भी चंद्रशेखर की जीत का आधार दलित-मुस्लिम गठजोड़ बना था। इसी आधार पर उसने अपनी राजनीति को आगे बढ़ाया है। उपचुनाव के नतीजों से भी यह पूरी तरह से साफ हो चला है।
UP Politics: बसपा और सपा का गढ़ रहे वेस्ट यूपी में चंद्रशेखर आजाद की नई नवेली आजाद समाज पार्टी भले कोई सीट न जीत पायी हो, लेकिन उपचुनाव में सपा और बसपा दोनों की चमक को फीका जरूर कर दिया है। यहां तक कि मीरापुर और कुंदरकी विधानसभा सीटों पर आजाद समाज पार्टी अपने दलित-मुस्लिम गठजोड़ के चलते बसपा से भी ज्यादा वोट पाने में कामयाब रही।
नगीना से सांसद बनने के बाद उपचुनाव में आसपा को हासिल मतों ने पार्टी कार्यकर्ताओं में भी नई जान फूंक दी है। नगीना में भी चंद्रशेखर की जीत का आधार दलित-मुस्लिम गठजोड़ बना था और इसी आधार पर उसने अपनी राजनीति को आगे बढ़ाया है। यूपी उपचुनाव के नतीजों से भी यह पूरी तरह से साफ हो चला है। चंद्रशेखर ने उपचुनाव में वेस्ट यूपी की ज्यादातर सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवार देकर सबकों चौकाया था। यहीं नहीं सांसद बनने के बाद चंद्रशेखर मुस्लिम मुद्दों पर भी खुलकर बोल रहे है, जिसके पीछे भी दलित-मुस्लिम गठजोड़ की राजनीति को मजबूती देना ही है। यहीं वजह है कि चुनाव के बीच वह आजम खां से मिलने भी पहुंचे थे। हालांकि इस गठजोड़ का उपचुनाव में उन सीटों पर ज्यादा असर नजर नहीं आया है, जहां उन्होंने दलित या गैर मुस्लिम उम्मीदवार उतारे थे। जबकि इसके उलट वेस्ट में जिन सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवार उतारे थे, उसमें वह जीत भले न पाये हो, लेकिन सपा-बसपा की चमक फीकी कर अपनी दमदार आमद दर्ज कराने में सफल रहे।
मीरापुर और कुदरकी में बसपा को नहीं फटकने दिया पास
मीरापुर और कुदरकी विधानसभा सीटों ने जहां आसपा ने मुस्लिम उम्मीदवार दिए थे, वहां उसका दलित-मुस्लिम गठजोड़ सभी के सिर चढ़कर बोलता दिखायी दिया। यहां तक की बसपा को अपने आसपास भी नहीं फटकने दिया। मीरापुर में बसपा उम्मीदवार शाहनजर में 3248 मत मिले, जबकि आसपा उम्मीदवार जाहिद हुसैन ने यहां 22661 मत हासिल किए। इसी तरह कुदरकी में बसपा प्रत्याशी रफातुल्लाह ने 982 तो आसपा प्रत्याशी चांद बाबू ने 12931 मत हासिल किया।
छोटे गांव से निकलकर देश की सियासत का बड़ा चेहरा बने चंद्रशेखर
सहारनपुर के छोटे से गांव से निकले आजाद समाज पार्टी के संस्थापक व नगीना सांसद चंद्रशेखर मात्र आठ साल में एक छोटे से संगठन से शुरूआत कर देश की सबसे बड़ी पंचायत तक पहुंच चुके है। हाल ही में उन्होंने नगीना के चुनावी रण को जीतकर सभी को चौंका दिया था। अब हरियाणा में गठबंधन कर सरकार बनाने की दौड़ के बार यूपी उपचुनाव में दमदार प्रदर्शन किया है। भीम आर्मी प्रमुख और आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद सहारनपुर के छुटमलपुर गांव के रहने वाले हैं। यहीं से ही उन्होंने अपने सियासी सफर की शुरूआत की थी। वर्ष 2016 में उन्होंने भीम आर्मी एकता मिशन नाम से एक संगठन बनाकर लोगों को जोड़ने काम शुरू किया था।
घडकौली में हुए जातीय विवाद के बाद भीम आर्मी को नई पहचान मिली थी। लेकिन, पहली बार भीम आर्मी मई 2017 में सहारनपुर के शब्बीरपुर में हुई जातीय हिंसा के बाद सुखियों में आई थी। जेल से बाहर आने के बाद चंद्रशेखर ने आजाद समाज पार्टी का गठन कर राजनीति की ओर कदम बढ़ाया था। वर्ष 2022 में चंद्रशेखर ने गोरखपुर से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ चुनाव लड़ा था। लेकिन, हार का सामना करना पड़ा।