हाईकोर्ट का आदेश मिलते ही संभल के शाही जामा मस्जिद पहुंची एएसआई, किया निरीक्षण, बनाई रिपोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश मिलते ही भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण यानी एएसआई की टीम संभल के जामा मस्जिद में सर्वेक्षण के लिए पहुंची। यहां का निरीक्षण किया और रिपोर्ट तैयार की है। यह रिपोर्ट शुक्रवार को हाईकोर्ट में पेश होगी।

इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्देश के कुछ देर बाद ही भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की तीन सदस्यीय टीम ने शाही जामा मस्जिद का निरीक्षण किया। यह निरीक्षण मस्जिद की रंगाई-पुताई और मरम्मत की अनुमति संबंधी याचिका को लेकर किया गया। रिपोर्ट शुक्रवार को सवेरे 10 बजे तक हाईकोर्ट में दी जानी है।
शाही जामा मस्जिद इंतजामिया कमेटी ने रमजान के मद्देनजर हाईकोर्ट से मस्जिद की रंगाई-पुताई और मरम्मत की अनुमति मांगी थी। हाईकोर्ट ने गुरुवार को एएसआई को निर्देश दिया कि वह शुक्रवार सुबह 10 बजे तक अपनी रिपोर्ट दे। आदेश होते ही एएसआई के ज्वाइंट डायरेक्टर मदन सिंह चौहान, एएसआई के मोन्युमेंट निदेशक जुल्फिकार अली और एएसआई सुपरीटेंडेंट आर्कियोलॉजिस्ट, मेरठ सर्किल विनोद सिंह रावत मस्जिद का निरीक्षण करने पहुंच गए। उनके साथ मस्जिद कमेटी के मुतवल्ली सदर जफर अली एडवोकेट, सचिव मकसूद अली फारूकी, एएसपी श्रीशचंद्र, एसडीएम वंदना मिश्रा और सीओ अनुज चौधरी भी रहे। टीम शाम करीब 4.40 बजे मस्जिद कमेटी के अंदर गई।
टीम ने मस्जिद के अंदर और बाहर, दुकानों, कमरों और मुख्य द्वार का गहन निरीक्षण किया। लगभग एक घंटा 10 मिनट तक चली जांच के दौरान मस्जिद के बाहर के कुएं को भी खुलवाया गया, जिसे 2012 तक हिंदू समाज की आस्था से जुड़ा होने के कारण पूजा-अर्चना के लिए इस्तेमाल किया जाता था। बाद में मस्जिद कमेटी ने इस पर रोक लगा दी थी। संभल महात्म्य में इस कुएं को धरणी वाराह कूप के नाम से जाना जाता है। निरीक्षण के दौरान इलाके में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा, जिससे किसी भी संभावित तनाव से बचा जा सके। इस रिपोर्ट के आधार पर हाईकोर्ट यह तय करेगा कि मस्जिद की रंगाई-पुताई और मरम्मत को अनुमति दी जाए या नहीं।
मस्जिद सदर ने बताया कि एएसआई की टीम ने मस्जिद के अंदर और बाहर का निरीक्षण किया है। उन्हें क्षतिग्रस्त हो रहे स्थानों व खराब हो रहे स्थलों को दिखाया है। जिससे रंगाई पुताई के साथ मरम्मत की अनुमति मिल सके। 24 नवंबर को हुई हिंसा के बाद कमेटी ने क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए अनुमति मांगी गई है। इससे पूर्व में कमेटी ने एएसआई ने रंगाई पुताई के लिए कभी अनुमति नहीं ली है।
मुख्य गेट की कलाकृति टूटी, एएसआई ने की छानबीन
निरीक्षण के दौरान मुख्य गेट के ऊपर बनी कलाकृति के क्षतिग्रस्त होने की जानकारी भी सामने आई। एएसआई ने मस्जिद कमेटी से इस बारे में विस्तृत जानकारी ली और टूटे हुए मलवे के संबंध में भी जांच की।
2018 में भी हुआ था निर्माण कार्य, 1920 से एएसआई संरक्षित स्मारक
शाही जामा मस्जिद 1920 से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा संरक्षित स्मारक घोषित की गई थी। हालांकि, मस्जिद कमेटी ने आज तक एएसआई से रंगाई-पुताई और मरम्मत की अनुमति नहीं मांगी थी। 2018 में मस्जिद के अंदर और बाहर निर्माण कार्य कराए गए थे, जिस पर एएसआई ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी।