आंबेडकर पर अमित शाह के शब्दों से दलित समाज को ठेस पहुंची, मायावती ने अब नाम लेकर साधा निशाना
आंबेडकर पर टिप्पणी को लेकर बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने अब अमित शाह का नाम लेते हुए उन पर सीधा हमला बोला है। मायावती ने कहा कि अमित शाह ने बाबा साहेब के लिए जिन शब्दों का इस्तेमाल किया है उससे दलित समाज के लोगों की भावनाओं को गहरी ठेस पहुंची हैं।
बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर पर टिप्पणी को लेकर बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने अब अमित शाह का नाम लेते हुए उन पर सीधा हमला बोला है। मायावती ने कहा कि अमित शाह ने बाबा साहेब के लिए जिन शब्दों का इस्तेमाल किया है उससे दलित समाज के लोगों की भावनाओं को गहरी ठेस पहुंची हैं। मायावती ने यहां तक कहा कि अमित शाह को पश्चाताप करनी चाहिए।
आंबेडकर पर राज्यसभा में अमित शाह की टिप्पणी का मामला तीन दिनों से छाया हुआ है। विपक्षी कांग्रेस और समाजवादी पार्टी सड़क से लेकर संसद तक विरोध प्रदर्शन कर रही हैं। कांग्रेस और सपा लगातार अमित शाह से माफी की मांग कर रही हैं। जबकि बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने एक्स पर मामले को तो उठाया लेकिन अमित शाह का नाम लेने से बचती रहीं। अब शुक्रवार को उन्होंने अमित शाह का नाम लेते निशाना साधा।
मायावती ने कहा कि बीजेपी के अमित शाह द्वारा संसद में दलित व अन्य उपेक्षित वर्गों के मसीहा परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के बारे में जिन शब्दों का इस्तेमाल किया गया है उससे इन वर्गों की भावनाओं को गहरी ठेस पहुंची है। ऐसे में उन शब्दों को वापस लेकर इनको पश्चाताप भी जरूर करना चाहिए।
मायावती ने आगे कहा कि वैसे कांग्रेस, भाजपा व इनकी सहयोगी दलों का चाल, चरित्र व चेहरा बाबा साहेब डा. अम्बेडकर व उनके करोड़ों दलित-पिछड़े, शोषित-पीड़ित अनुयाइयों के हित व कल्याण के प्रति हमेशा संकीर्ण व जातिवादी रहने के कारण इनके सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक हालात लगातार बदतर, इससे इंकार असंभव।
बाबा साहेब डा. अम्बेडकर के प्रति दिल से सम्मान नहीं करना व उनके अनुयाइयों के विरुद्ध अन्याय-अत्याचार तथा इनको संवैधानिक व कानूनी हक देने के बजाय छीनने में भी यह पार्टियाँ एक ही थैली के चटटे-बट्टे हैं। इसको लेकर सत्ता व विपक्ष के बीच जारी तकरार केवल वोट के स्वार्थ की राजनीति है।
इसके साथ ही मायावती ने राहुल और प्रियंका गांधी का बिना नाम लिए कहा कि संविधान का जगह-जगह लहराना व नीला रंग पहनना आदि दिखावे की सस्ती राजनीति है। यह सब करने के पहले सत्ता व विपक्ष दोनों को अपने दिल में पड़े संकीर्णता, जातिवाद एवं द्वेष आदि के कालेपन को साफ करके पाक-साफ करना होगा तभी इन वर्गों का व देश का भी सही हित संभव। राहुल गांधी ने गुरुवार को संविधान हाथों में लेकर अमित शाह के खिलाफ प्रदर्शन किया था। इस दौरान राहुल और प्रियंका गांधी दोनों ने नीले कपड़े पहन रखे थे।