Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़अमेठीThere is a temple of Maa Kamakhya in this district of UP too, it was established by the Pandavas

यूपी के इस जिले में भी है मां कामाख्या का मन्दिर, पांडवों ने किया था स्थापित

यूपी के इस जिले में भी मां कामाख्या देवी मन्दिर है। इसकी स्थापना कभी पांडवों ने अज्ञातवास के दौरान की थी

Gyan Prakash हिन्दुस्तान, अमेठी। चिंतामणि मिश्रThu, 24 Oct 2024 11:28 AM
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असम राज्य में स्थित मां कामाख्या का धाम प्रमुख शक्तिपीठों में से एक है, लेकिन अमेठी में भी उनका एक उपपीठ है। बताया जाता है कि अज्ञातवास के दौरान पांडवों ने इस मूर्ति की स्थापना की थी। लगभग 250 साल पूर्व यहां पर मंदिर का निर्माण कराया गया है। देवी माता वृषभ पर सवार हैं और परिसर में ही भैरवनाथ तथा भगवान शिव का भी स्थान है। हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहां दर्शन पूजन के लिए जुटते हैं।

यूं तो अमेठी जिले में कोस - कोस पर देवी और भगवान शिव के मंदिर स्थित है। इनमें से कई मंदिर ऐसे भी है जिनका इतिहास बहुत प्राचीन है। जिले के सुदूरवर्ती ब्लॉक बाजार शुकुल के पनही गांव में स्थित मां कामाख्या का मंदिर एक ऐसा ही मंदिर है। बताया जाता है कि पांडवों ने अपने अज्ञातवास का ज्यादातर समय वर्तमान में अमेठी जनपद के गोमती तट के इर्द-गिर्द ही गुजारा था। बताया जाता है कि इस दौरान पांडवों ने यहां भगवान शिव के साथ ही देवी माता व भैरवनाथ की स्थापना की थी। मंदिर के पुजारी महाराज सुरेंद्र दास बताते हैं की 250 वर्ष पूर्व हमारे पूर्वजों ने इस स्थान पर मकान बनाने की तैयारी की। जब मकान की नींव खोदने लगे तो फ़ावड़ा एक मूर्ति से टकराया और मूर्ति खंडित हो गई। इसके बाद माता ने स्वप्न में दर्शन दिए और कहा कि मैं यही विराजमान हूं और यहां पर मेरा मंदिर बनवाओ। उन्होंने और खुदाई करने की बात कही। इसके बाद वृषभ पर सवार मां दुर्गा व भैरवनाथ तथा भगवान शिव की मूर्तियां भी बाहर निकलीं। स्थानीय लोगों के सहयोग से यहां पर मंदिर का निर्माण कराया गया। चैत्र और अश्विन के नवरात्रों के साथ ही प्रत्येक सोमवार और शुक्रवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां दर्शन करने के लिए जुटते हैं।

पर्यटन विभाग करा रहा कायाकल्प

प्रदेश सरकार के पर्यटन विभाग द्वारा मां कामाख्या देवी के मंदिर के कार्यकाल का काम कराया जा रहा है इसके लिए एक करोड़ तीन लाख रुपये आवंटित किए गए हैं। इस धनराशि से प्रांगण में शेड शौचालय व अन्य इंतजाम कराए जा रहे हैं।

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