Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़6 crore 25 lakh will be recovered from 151 farmers of Bulandshahr action will also be taken against officers and employe

यूपी के 151 किसानों से होगी सवा 6 करोड़ की रिकवरी, अफसरों और कर्मचारियों पर भी होगी कार्रवाई

  • बुलंदशहर जिले के तीन ब्लॉक शिकारपुर, डिबाई और दानपुर के 151 किसानों को तत्काल प्रभाव से छह करोड़ 30 लाख से अधिक की रिकवरी के नोटिस जारी किए गए हैं। किसानों ने नियम और शर्तों का पालन नहीं किया।

Dinesh Rathour हिन्दुस्तान, बुलंदशहरSat, 11 Jan 2025 08:50 PM
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वर्ष 2023 कृषि विभाग में हुए बेलर घोटाले में अफसरों एवं कर्मचारियों पर कार्रवाई के बाद अब शासन की रडार पर किसान आ गए हैं। तीन ब्लॉक शिकारपुर, डिबाई और दानपुर के 151 किसानों को तत्काल प्रभाव से छह करोड़ 30 लाख से अधिक की रिकवरी के नोटिस जारी किए गए हैं। किसानों ने नियम और शर्तों का पालन नहीं किया और इस फर्जीवाड़े में डीलरों के साथ मिले रहे। शासन के आदेश पर डीएम और डीडी ने किसानों को नोटिस जारी कर राशि जमा करने के आदेश दिए हैं।

हिन्दुस्तान ने किया था खुलासा

आपके प्रिय समाचार पत्र हिन्दुस्तान ने बेलर घोटाले का खुलासा करते हुए इसे प्रमुखता से उठाया था। वहीं, नोटिस पहुंचने के बाद किसानों में हड़कंप मचा हुआ है। वह जनप्रतिनिधियों की शरण में हैं। किसानों को पांच-पांच लाख रुपये तक की रिकवरी के नोटिस गए हैं। किसानों को रिकवरी की राशि बैंक में समय से जमा करने के लिए कहा है, इसके बाद उन्हें विभाग को रसीद दिखानी होगी।

यह था पूरा मामला

कृषि विभाग की प्रमोशन ऑफ एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन फार इन सीटू मैनेजमेंट ऑफ क्रॉप रेजीडयू योजना के अंतर्गत द्वारा वित्तीय वर्ष 2020-21, 21-22 में जनपद में 209 बेलर किसानों के द्वारा खरीदे दर्शाए गए। इनमें 110 बेलर 3 लाख रुपये की कीमत के हैं, इनमें प्रति बेलर किसान को 1.50 लाख रुपये सब्सिडी के हिसाब से 1.65 करोड़ मिले हैं। जबकि 99 बेलर ऐसे हैं जिनमें 5.50 लाख रुपये प्रति बेलर सब्सिडी से 5.44 करोड़ रुपये मिले। इन दो वर्षों में कुल सब्सिडी 7.09 करोड़ रुपये मिली। डीएम मामले की जांच करा रहे हैं तो कई जगहों पर किसानों ने तो बेलर खरीदे, बल्कि डीलर और किसान तथा विभाग के अफसरों एवं कर्मचारियों ने मामला लखनऊ तक गूंजा तो स्वयं विभाग के डायरेक्टर ने एक टीम बनाई और इसमें अफसरों को शामिल कर ब्लॉकों में जांच कराई तो पूरा प्रकरण सामने आया। टीमों ने गांव-गांव जाकर बेलरों का सत्यापन करते हुए किसानों के बयान दर्ज किए। इसके बाद मामले में कार्रवाई चल रही है।

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इन पर गिरी गाज

बेलर घोटाले में शासन ने जांच के दौरान तत्कालीन डीडी आरपी चौधरी, शिवकुमार एवं प्रभारी डीडी व जिला कृषि रक्षा अधिकारी धनंजय सिंह, योजना को देख रहे बाबू विकास कुमार, वरिष्ठ सहायक अंकुर कुमार एवं एडीओ कृषि लायक सिंह के खिलाफ कार्रवाई हुई, इसके अलावा सात फर्म ब्लैक लिस्ट में डाली गई और चार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई। वहीं, बाबू विकास कुमार के खिलाफ भी दर्ज हो चुकी है।

शर्तों का किया उल्लंघन, अब फंसे

बेलर लेने वाले किसानों ने जब आवेदन किया तो उनके समक्ष विभाग की शर्तें थीं, मगर डीलरों से किसान एवं तत्कालीन अफसरों की साठगांठ में वह नियम शर्तों को भूल गए। किसानों ने हलफनामा दिया तो विभाग ने इसी के आधार पर उन्हें नोटिस भेजे हैं। नोटिस में कहा गया कि अनुमोदन उपरांत जिन किसानों के पास बेल एवं यंत्र नहीं पाए गए हैं अनुदान का भुगतान उनके खातों में होने की पुष्टि पाई है। ऐसे में इन किसानों से अनुदान की वूसली की जाए। एक किसान को 5.50 लाख का नोटिस भेजा गया है। नोटिस पहुंचने के बाद किसान अब जन प्रतिनिधियों की शरण में पहुंचकर इन्हें निरस्त कराने की मांग उठा रहे हैं। विभाग की मानें तो डीलर व किसानों ने भी फर्जीवाड़ा किया है।

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डीएम चंद्र प्रकाश सिंह ने बताया, किसानों को रिकवरी के नोटिस जारी किए हैं। जांच उपरांत यह सब कार्रवाई हो रही है। शासन स्तर से इस प्रकरण में जांच हुई थी। जिले से भी रिपोर्ट भेजी गई थी। उपकृषि निदेशक रघुराज सिंह का कहना है कि शासन से प्रकरण में जांच हुई थी। 151 किसानों को नियामनुसार नोटिस भेजे गए हैं। बेलर प्रकरण में शासन से निर्देश प्राप्त हो रहे हैं तो उसी के आधार पर जिले से कार्रवाई हो रही है। यह मामला अब शासन में है।

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