संभल में 10 और प्राचीन कुएं मिले, प्रशासन ने शुरू कराई साफ-सफाई
संभल में गुरुवार को कुल 10 प्राचीन कूपों और कुओं की खोज से ऐतिहासिक धरोहरों का नया अध्याय जुड़ गया है। संभल में दो प्राचीन कूप तो वहीं सिरसी में आठ पुराने कुएं मिले हैं। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की टीम ने संभल में पांच कूपों व एक तीर्थ का निरीक्षण कर उनके ऐतिहासिक महत्व का आकलन शुरू कर दिया है।
संभल और सिरसी क्षेत्र में गुरुवार को कुल 10 प्राचीन कूपों और कुओं की खोज से ऐतिहासिक धरोहरों का नया अध्याय जुड़ गया है। संभल में दो प्राचीन कूप तो वहीं सिरसी में आठ पुराने कुएं मिले हैं। वहीं भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की टीम ने संभल में पांच कूपों व एक तीर्थ का निरीक्षण कर उनके ऐतिहासिक महत्व का आकलन शुरू कर दिया है।
इन दिनों संभल में तीर्थों व कूपों की पहचान के साथ ही उनके सौंदर्यीकरण का कार्य तेजी से चल रही है। नगर पालिका एक दर्जन से अधिक कूपों व तीर्थों का पहचान कर उनके सौंदर्यीकरण का कार्य कर रही है। गुरुवार को पालिका ने सरथल चौकी के पास मृत्यु कूप की पहचान कर उसकी खुदाई शुरू कराई। वहीं तहसील प्रशासन ने भी कमलपुर सराय गांव में ईदगाह के पास प्राचीन कूप की पहचान कर उसकी खुदाई शुरू कराई। खोदाई के दौरान कुएं से सांप निकलने के कारण कुछ देर अफरातफरी मची रही।
उधर, दोपहर बाद एएसआई की टीम ने भद्रेश्वर तीर्थ, के साथ सरथल चौकी में मिले मृत्यु कूप, कोट पूर्वी में ऊंचे वाली गली में बलि कूप, सेठों वाली गली में सप्तसागर कूप, कल्कि मंदिर में कृष्ण कूप और कोट गर्वी में गद्दियों वाली गले ऋषिकेश कूप का एएसआई ने सर्वेक्षण किया गया। एएसआई की टीम ने कूपों में इस्तेमाल पत्थरों की गुणवत्ता, गहराई, व्यास और संरचनात्मक मजबूती की विस्तृत नपाई और जांच की।
नगर पंचायत सिरसी में ईओ डॉ. मणिभूषण तिवारी की देखरेख में लुप्त हुए आठ प्राचीन कूपों की सफाई और खोदाई करवाई गई। ये कूप अपनी संरचना और प्राचीन वास्तुकला के उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं। ईओ डा. तिवारी ने कहा कि इन कूपों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा ताकि इनका ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व लोगों तक पहुंच सके। सर्वेक्षण और खुदाई में एसडीएम वंदना मिश्रा, तहसील प्रशासन के कर्मचारी, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। संभल और सिरसी के यह प्राचीन कूप न केवल ऐतिहासिक धरोहर हैं, बल्कि यह जल संरक्षण और हमारे पूर्वजों की उन्नत वास्तुकला के भी साक्षी हैं।