संभल की ऐतिहासिक बावड़ी के रहस्यों की जांच में जुटा राज्य पुरातत्व विभाग, पांचवें दिन भी खुदाई जारी
संभल के मोहल्ला लक्ष्मण गंज में स्थित ऐतिहासिक बावड़ी के रहस्यों को उजागर करने के लिए राज्य पुरातत्व विभाग की दो सदस्यीय टीम ने बुधवार को गहन जांच की। डीएम के निर्देश पर पिछले पांच दिनों से बावड़ी की खोदाई का काम लगातार जारी है।
यूपी के संभल के मोहल्ला लक्ष्मण गंज में स्थित ऐतिहासिक बावड़ी के रहस्यों को उजागर करने के लिए राज्य पुरातत्व विभाग की दो सदस्यीय टीम ने बुधवार को गहन जांच की। डीएम के निर्देश पर पिछले पांच दिनों से बावड़ी की खोदाई का काम लगातार जारी है, जिसमें कई ऐतिहासिक संरचनाएं और महत्वपूर्ण अवशेष सामने आ रहे हैं। टीम ने करीब चार घंटे तक खुदाई का निरीक्षण किया, मिट्टी, ईंटों और दीवारों के आले की बारीकी से जांच की और संभावित निर्माण काल का अध्ययन किया।
बावड़ी की खुदाई का कार्य जिलाधिकारी के निर्देश पर पिछले शनिवार को शुरू किया गया था। पांच दिनों में 15 सीढ़ियां साफ हो चुकी हैं, जो बावड़ी की गहराई और संरचना को स्पष्ट कर रही हैं। खुदाई में दोनों ओर गैलरी दिखाई देने लगी है, जिनमें मिट्टी और मलबा भरा हुआ है। इसके अलावा दीवारों पर बड़े-बड़े आले बने हुए हैं, जो प्राचीन स्थापत्य कला की झलक प्रस्तुत करते हैं। खुदाई के शुरुआती चरण में जेसीबी मशीनें इस्तेमाल की गईं, लेकिन जैसे-जैसे गहराई बढ़ती गई, मशीनों से काम मुश्किल होता गया। बाद में नगर पालिका ने कर्मचारियों को खोदाई में लगाया। अब हाथों से मिट्टी और मलबा हटाया जा रहा है। खुदाई के दौरान बावड़ी के प्रथम तल का समतल रास्ता भी दिखाई देने लगा है, जिसमें लाल पत्थर बिछे हुए हैं।
बुधवार सुबह नौ बजे राज्य पुरातत्व विभाग के दो विशेषज्ञ, राजेश मीणा और मुकेश कुमार, बावड़ी के रहस्य को सुलझाने के लिए मौके पर पहुंचे। टीम ने बावड़ी की संरचना, निर्माण सामग्री, मिट्टी, ईंटों और दीवारों का गहन अध्ययन किया। उन्होंने पैमाइश कर यह जानने का प्रयास किया कि बावड़ी का निर्माण किस कालखंड में हुआ था। जांच के दौरान टीम ने बावड़ी की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी करवाई, ताकि इसके प्रत्येक कोने का दस्तावेजीकरण किया जा सके। टीम के सदस्यों ने फिलहाल जांच की प्रगति पर कोई भी जानकारी साझा करने से इनकार किया है। टीम ने बावड़ी पर करीब चार घंटे समय बिताया और आवश्यक जांच कर दोपहर एक बजे वापस हो गई।
बावड़ी के रहस्यों से उठेगा पर्दा
15 सीढ़ियों और गैलरी के खुलने के बाद अब समतल भूमि तक पहुंच बनाई जा रही है। मिट्टी और मलबे के ढेर के कारण सफाई कर्मियों को कार्य करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन बावड़ी के संरचनात्मक रहस्यों को उजागर करने के लिए प्रशासन पूरी तरह प्रतिबद्ध है। यह बावड़ी न केवल एक ऐतिहासिक संरचना है, बल्कि यह चंदौसी के गौरवशाली अतीत का प्रमाण भी है। पुरातत्व विभाग की जांच पूरी होने और बावड़ी के रहस्यों से पर्दा उठने के बाद यह स्थान धार्मिक और ऐतिहासिक पर्यटन का एक प्रमुख केंद्र बन सकता है।
बावड़ी के अंदर आक्सीजन की कमी के कारण हो रही दिक्कत
चन्दौसी। मोहल्ला लक्ष्मणगंज में हो रही बावड़ी खोदाई में नगरपलिका सफाई कर्मियों को दिक्कते आ रही है। क्योंकि जैसे-जैसे बावड़ी के अंदर सफाई कर्मी जा रहे है, वैसे-वैसे आक्सीजन की कमी व कूड़े के ढेर लगे होने से सांस लेने में दिक्कत आ रही है। हालांकि एहतियात के तौर पर मौके पर एंबुलेंस की व्यवस्था कर रखी है। सफाई कर्मियों को सिर पर लगाने के लिए हेलमेट भी दे दिए गए है। पीने के लिए स्वच्छ पानी का टैंक भी मौके पर लाकर खड़ा कर दिया गया है।