China detains a man who collecting secrets of china for Britain ब्रिटेन 8 साल से जुटा रहा था सीक्रेट्स, चीन का दावा- सबूतों के साथ एक जासूस पकड़ा, International Hindi News - Hindustan
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ब्रिटेन 8 साल से जुटा रहा था सीक्रेट्स, चीन का दावा- सबूतों के साथ एक जासूस पकड़ा

चीन का आरोप है कि उसने एक शख्स को गिरफ्तार किया है जो ब्रिटेन की विदेशी खुफिया एजेंसी एमआई 6 के लिए काम करता है और 8 वर्षों से चीन की खुफिया जानकारी ब्रिटेन को दे रहा था।

Gaurav Kala एपी, बीजिंगMon, 8 Jan 2024 04:35 PM
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ब्रिटेन 8 साल से जुटा रहा था सीक्रेट्स, चीन का दावा- सबूतों के साथ एक जासूस पकड़ा

चीन ने ब्रिटेन पर उसकी जासूसी करने के आरोप लगाए हैं। चीन की शी जिनपिंग सरकार का आरोप है कि उसने अपने यहां एक ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया है जो ब्रिटेन की विदेशी खुफिया एजेंसी एमआई 6 के लिए काम करता है और 8 वर्षों से चीन की खुफिया जानकारी ब्रिटेन को दे रहा था। चीनी सरकार के मुताबिक, आरोपी न तो चीन का रहने वाला है और न ही ब्रिटेन का है, वह किसी तीसरे ही देश का बताया जा रहा है। चीन ने सबूतों के साथ ब्रिटेन पर उसकी जासूसी कराने के आरोप लगाए हैं। वहीं, इस पूरे घटनाक्रम पर ब्रिटेन की सरकार ने चुप्पी साधी हुई है।

चीन के ब्रिटेन पर ये आरोप इसलिए भी चौंकाने वाले हैं क्योंकि पिछले साल सितंबर महीने में ब्रिटेन ने भी जासूसी का इल्जाम लगाते हुए दो चीनी रिसर्चरों को गिरफ्तार किया था। मामला ब्रिटेन की संसद की जासूसी से जुड़ा हुआ था, जब दो लोग संदिग्ध अवस्था में संसद में घूम रहे थे। चौंकाने वाली बात यह है कि उनके पास संसद एंट्री के पास भी थे। अब नए साल पर चीन की शी जिनपिंग सरकार ने ब्रिटेन पर उसकी जासूसी करने का आरोप लगाया है। 

चीन सुरक्षा मंत्रालय ने सोमवार को सोशल मीडिया पर पोस्ट में कहा कि ब्रिटेन 2015 से उस व्यक्ति के साथ संपर्क में है, जिसे चीन की खुफिया जानकारी इकट्ठा करने के इल्जाम में पकड़ा गया है। उसका नाम हुआंग बताया जा रहा है। 

उपकरण भी बरामद
मंत्रालय ने कहा कि हुआंग को खुफिया जानकारी इकट्ठा करने का प्रशिक्षण दिया गया था। उपकरण उपलब्ध कराए गए थे और चीन की बार-बार यात्रा के दौरान उसने कई रहस्य एकत्र किए थे। हालांकि मंत्रालय ने इस जानकारी का खुलासा नहीं किया है कि पकड़े गए आरोपी ने क्या-क्या जानकारियां इकट्ठा करके ब्रिटेन को दी हैं। इसके अलावा न ही चीन ने यह भी बताया कि उन्हें कब हिरासत में लिया गया था या उन्हें कहां रखा गया है।

उधर, ब्रिटिश सरकार ने अभी तक आरोपों पर टिप्पणी नहीं की है। अब चीन के संगीन आरोपों से दोनों देशों के बीच विश्वास और संबंधों में कमी देखी जा सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि ब्रिटेन में बड़े पैमाने पर चीनी निवेश, विशेष रूप से बिजली और संचार उद्योगों का बोलबाला है। 

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