Hindi Newsखेल न्यूज़अन्य खेलLakshya Sen says I want to be the Virat Kohli of Indian badminton in the coming years

ओलंपिक मेडल से चूके लक्ष्य सेन ने बताया अपना सपना, बनना चाहते हैं भारतीय बैडमिंटन के विराट कोहली

  • भारत के नए बैडमिंटन स्टार लक्ष्य सेन ने कहा है कि मैं आने वाले वर्षों में भारतीय बैडमिंटन का विराट कोहली बनना चाहता हूं। उन्होंने कहा है कि विराट कोहली ने भारतीय क्रिकेट में बहुत कुछ हासिल किया है। वही वे बैडमिंटन में करना चाहते हैं।

Vikash Gaur लाइव हिन्दुस्तानThu, 29 Aug 2024 11:22 AM
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भारत के उभरते बैडमिंटन प्लेयर लक्ष्य सेन ने पेरिस ओलंपिक 2024 में अपने खेल से सभी को प्रभावित किया था। वे पदक जीतने से जरा से चूक गए थे। सेमीफाइनल के बाद उनको कांस्य पदक मैच में करीबी हार का सामना करना पड़ा था। अगर वे पदक जीतते तो भारत के पहले पुरुष बैडमिंटन प्लेयर बन जाते। हालांकि, वे ऐसा नहीं कर पाए, लेकिन लक्ष्य सेन का टारगेट है कि उनको भारतीय बैडमिंटन के सबसे बड़े खिलाड़ियों में से एक बनना है। उन्होंने साफ तौर पर ये कहा है कि वे जिस तरह क्रिकेट में विराट कोहली का नाम है, उसी तरह बैडमिंटन में वे अपना नाम बनाना चाहते हैं।

लक्ष्य सेन से जब टीआरएस पॉडकास्ट में पूछा गया कि आपको इंडियन बैडमिंटन का विराट कोहली कहा जाता है तो क्या आप इस चीज को कॉम्प्लीमेंट के तौर पर लेते हैं? इस पर लक्ष्य ने कहा, "क्यों नहीं, मेरा मतलब है कि बोल रहे हैं तो अच्छी बात है, लेकिन ये बात भी है कि उन्होंने भारतीय क्रिकेट के लिए बहुत कुछ किया है और हां, मैं आने वाले वर्षों में भारतीय बैडमिंटन का विराट कोहली बनना चाहता हूं।" लक्ष्य सेन अभी सिर्फ 23 साल के हैं और वे पहले ही बहुत कुछ हासिल कर चुके हैं, लेकिन जिस तरह का नाम विराट का क्रिकेट में है, उस तरह का नाम वे बैडमिंटन में अपना चाहते हैं।

इस बैडमिंटन प्लेयर ने ह्यूमंस ऑफ बॉम्बे को दिए इंटरव्यू में बताया था, "सेमीफाइनल मैच के बाद, मैं पूरी तरह से टूट चुका था। यह बात कुछ समय तक मुझे दुखी रखेगी कि मैं इस ओलंपिक में भारत को पदक नहीं दिला पाया। मुझे पता था कि मैं मैच में विक्टर एक्सेलसन का सामना करने जा रहा हूं और जिस तरह से मैंने तैयारी की थी, सब कुछ ठीक था। कुल मिलाकर, मेरे पास सही रणनीति थी। मेरा दृष्टिकोण सही था। महत्वपूर्ण चरणों में, मैं थोड़ा और अधिक क्लिनिकल हो सकता था। अब जब मैं वापस बैठता हूं और सोचता हूं, तो मुझे पता है कि कुछ चीजें हैं जो मैं बेहतर कर सकता था। सब कुछ ठीक था, लेकिन अंत में, मैं पदक तक नहीं पहुंच सका।"

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