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Hindi Newsखेल न्यूज़Olympic gamesI am on the third day of my periods Mirabai Chanu after Paris Olympic finish

पीरियड का तीसरा दिन था और मुझे… मेडल से चूकने के बाद क्या कुछ बोलीं मीराबाई चानू

भारत की स्टार वेटलिफ्टर और टोक्यो ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतने वाली मीराबाई चानू दूसरा ओलंपिक मेडल जीतने से चूक गईं। मीराबाई चानू चौथे नंबर पर रहीं और इस तरह से भारत का एक और मेडल जीतने का सपना टूट गया। चानू ने बाद में कहा कि उन्होंने अपना बेस्ट दिया, लेकिन मेडल नहीं जीत पाईं।

Namita Shukla Thu, 8 Aug 2024 05:05 AM
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टोक्यो ओलंपिक गेम्स में सिल्वर मेडल जीतने वालीं भारत की स्टार वेटलिफ्टर मीराबाई चानू को अफसोस है कि पेरिस में मेडल नहीं जीत पाईं। मीराबाई चानू महिलाओं के 49 किग्रा वर्ग में चौथे नंबर पर रहीं और मेडल जीतते-जीतते रह गईं। मेडल नहीं जीत पाने का अफसोस मीराबाई के चेहरे पर साफ नजर आया, और वह एकदम से इमोशनल हो गईं। अपने इवेंट के बाद मीराबाई चानू ने हालांकि बताया कि वो अपने प्रदर्शन से संतुष्ट हैं और उन्होंने अपनी पूरी कोशिश की थी मेडल जीतने के लिए। इसके अलावा चानू ने बताया कि उनके पीरियड्स का तीसरा दिन था, जिसके चलते वो थोड़ा कमजोर भी महसूस कर रही थीं।

रेवस्पोर्ट्स के मुताबिक मीराबाई चानू ने अपने इवेंट के बाद मिक्स्ड जोन में कहा, ‘मेरे पीरियड्स का तीसरा दिन था, मुझे थोड़ी कमजोरी भी थी। इससे मेरे गेम पर फर्क पड़ा, मैंने अपना बेस्ट दिया, ये मेरा दिन नहीं था।’

मीराबाई ने स्नैच में 88 और क्लीन एंड जर्क में 111 से कुल 199 किग्रा का वजन उठाया। इससे वह महज एक किलोग्राम से मेडल से चूक गईं। मीराबाई ने इसके बाद कहा, ‘मैं अपने प्रदर्शन से खुश हूं क्योंकि मुझे चोट से उबरने के बाद तैयारी के लिए बहुत कम समय मिला था।’ उन्होंने कहा, ‘मैं प्रैक्टिस में 85 किग्रा वजन उठा रही थी और मैंने इस इवेंट में भी ऐसा किया। मैं क्लीन एंड जर्क में भी अच्छे प्रदर्शन को लेकर आश्वस्त थी। सब कुछ अच्छा चल रहा था और कोच ने जो कुछ कहा मैंने उसका पालन किया। आज भाग्य मेरे साथ नहीं था जो मैं मेडल नहीं जीत पाई लेकिन मैंने अपना बेस्ट प्रदर्शन किया।’

किन्हें मिला मेडल

गोल्ड की प्रबल दावेदार चीन की मौजूदा ओलंपिक चैंपियन होउ झिहुई ने क्लीन एंड जर्क में ओलंपिक रिकॉर्ड के साथ पहला स्थान हासिल किया। उन्होंने कुल 206 (स्नैच 89, क्लीन एंड जर्क 117) किग्रा वजन उठाया। रोमानिया की वालेंटिना कैम्बेई 206 (93 और 112) किग्रा से सिल्वर और थाईलैंड की सुरोदचना खाम्बो 200 (88 और 112) किग्रा के वजन से ब्रोन्ज मेडल जीतने में सफल रहीं।

कैसा रहा मीराबाई का प्रदर्शन

कूल्हे की चोट से उबरने के बाद वापसी कर रहीं मीराबाई ने स्नैच में पहली कोशिश में आसानी से 85 किग्रा वजन उठाया और दूसरी कोशिश में 88 किग्रा उठाने में फेल हो गईं। पर तीसरी कोशिश में उन्होंने 88 किग्रा का वजन उठाकर बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स के स्नैच के प्रदर्शन की बराबरी की। मीराबाई क्लीन एंड जर्क की पहली कोशिश में 111 का वजन उठाने में फेल रहीं। पर दूसरी कोशिश में वो सफल रहीं। पर तीसरी और अंतिम कोशिश में 114 किग्रा का वजन नहीं उठा सकीं।

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