पहले और दूसरे सायरन का क्या मतलब, दिन और रात में क्या करना है; समझ लीजिए काम की बात
युद्ध जैसी स्थिति में हवाई हमलों से लोगों की जान बचाने के लिए और उन्हें सावधान करने के लिए सायरन बजाते हुए ब्लैक आउट करने के लिए कहा जाता है। इस दौरान दिन और रात के लिए अलग-अलग सावधानियां बरती जाती हैं।

पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले का बदला लेने के लिए भारत की तरफ से चलाए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसे हालात बन गए हैं। इसी के मद्देनजर केंद्र सरकार ने पाकिस्तान से लगे प्रदेशों में सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद करते हुए जनता को विशेष रूप से सावधानी बरतने और जरूरी प्रोटोकॉल्स का पालन करने को कहा है। दरअसल भारत की कार्रवाई से बौखलाए पाकिस्तान ने भारत के रहवासी इलाकों में मिसाइल व ड्रोन हमला शुरू कर दिया है, हालांकि हमारे एयर डिफेंस सिस्टम की वजह से उसकी सारी नापाक कोशिशों को हवा में ही नष्ट कर दिया गया है, लेकिन फिर भी सरकार ने लोगों से हर परिस्थिति के लिए तैयार रहने की अपील करते हुए उनसे ब्लैकआउट और सायरन बजने पर अपनाए जाने वाले प्रोटोकॉल्स का पालन करने और प्रशासन की तरफ से मिलने वाले निर्देशों का पालन करने को कहा है।
बता दें कि युद्ध जैसी स्थिति में हवाई हमलों से लोगों की जान बचाने के लिए और उन्हें सावधान करने के लिए सायरन बजाते हुए ब्लैक आउट करने के लिए कहा जाता है। इस दौरान दिन और रात के लिए अलग-अलग सावधानियां बरती जाती हैं।
दिन में सायरन बजने पर उस इलाके के रहवासियों को सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने के लिए कहा जाता है। सायरन दो बार बजाया जाता है, जिसमें से पहली बार में खतरे का इशारा होता है, वहीं दूसरी बार बजने का मतलब यह होता है कि खतरा टल चुका है। वहीं रात में सायरन बजने पर ब्लैकआउट भी किया जाता है, जिसके तहत अपने घर व आसपास की सभी लाइट्स बंद करके सुरक्षित स्थान पर जाया जाता है। ये प्रोटोकॉल्स इतने जरूरी होते हैं कि इनका पालन ना करना किसी एक शख्स या उसके परिवार के जीवन के लिए ही नहीं बल्कि हजारों लोगों की जान के लिए खतरा बन सकता है।
इन दोनों स्थितियों के होने पर लोगों को किन कामों को करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए, इस बारे में गुरुवार को राजस्थान के जोधपुर शहर के जिला कलेक्टर गौरव अग्रवाल ने जानकारी दी। मीडिया से बातचीत के दौरान लोगों को संबोधित करते हुए गौरव अग्रवाल ने कहा कि 'आमजन से यही अपील करना चाहता हूं, कि इस समय जो सबसे जरूरी है कि हमलोग जो ब्लैक आउट के प्रोटोकॉल्स होते हैं उसका पालन करें। सायरन बजने के जो प्रोटोकॉल्स होते हैं उसका पालन करें। यदि दिन में सायरन बजता है, सायरन दो बार बजेगा, पहली बार सायरन बजने का मतलब है कि खतरा आ रहा है, उसके बाद में वो सायरन बंद हो जाए, इसका मतलब यह नहीं है कि खतरा टल गया है, खतरा जब टल जाएगा तब दूसरी बार सायरन बजेगा।
उन्होंने बताया, 'तो जब पहली बार सायरन बजना चालू होता है, यदि वो दिन का समय है, तो आप सब जो है एक शेल्टर ढूंढ के, जहां पर आप मलबे से, जहां पर प्रोजेक्टाइल से आप सुरक्षित रहें, इस तरह का शेल्टर ढूंढकर आप उसके अंदर जाएं और जब दूसरी बार सायरन बजे तो उसके बाद आप वहां से बाहर निकलें। यदि यही चीज जो है रात को सायरन बजता है, तो आप लोगों से निवेदन है कि शेल्टर में जाने से पहले अपनी जितनी भी लाइट्स हैं, सारी की सारी लाइट्स बंद करें। मेरा आपसे निवेदन है कि आपके घर की जितनी भी खिड़कियां हैं, कांच वाले दरवाजे हैं, सबको आप या तो मोटे वाले कपड़े या पर्दे से ढंक लें, या काला पेंट करना है तो कर लें ताकि किसी भी तरह की लाइट बाहर ना जा सके।'
इसके आगे उन्होंने कहा, 'इसके अलावा जो भी आपके बैंक्स हैं, बैंकों के एटीएम हैं, प्राइवेट ऑफिसेस हैं या कोई भी इस तरह की बिल्डिंग्स हैं, तो वहां पर शाम को ऑफिस से निकलने से पहले आप लोग सभी प्रकार की लाइट्स बंद कर लें। बुधवार को यह देखा गया था कि लोगों ने अपने घरों के अंदर की लाइट्स तो बंद कर ली थीं, लेकिन घर के बाहर आंगन की जो लाइट होती है, या मैन दरवाजे की लाइट होती है या जो छत की लाइट होती है, वो लाइटें जली हुई थीं। मैं आपको सचेत करना चाहता हूं कि इस तरह की स्थिति में यदि एक भी लाइट जल रही होती है तो उससे ना केवल आपकी और आपके परिजनों की बल्कि हजारों लोगों की जान खतरे में आ सकती है। इसलिए सभी से मेरी अपील है कि सायरन बजने पर या ब्लैकआउट की घोषणा होने पर लाइट्स को पूरी तरह बंद रखना है, अगर आप गाड़ी के अंदर हैं, तो गाड़ी की लाइट भी आप बिल्कुल बंद रखेंगे। तो इस समय यही सबसे जरूरी सावधानी है, जिसे हमें बरतना चाहिए।'
आगे अधिकारी ने कहा, 'किसी भी प्रकार की अफवाह पर आपको भरोसा नहीं करना है। जो भी सूचनाएं हैं, भारत सरकार के द्वारा, राज्य सरकार के द्वारा और जिला प्रशासन के द्वारा आधिकारिक चैनलों के माध्यमों से दी जा रही है। इस समय अगर हम अफवाह के ऊपर भरोसा करेंगे तो यह जो समय है, इसमें जो दुश्मन देश है वह आपको मनोवैज्ञानिक रूप से भी परेशान करने या हराने की कोशिश करेगा। इसका जो तरीका होता है उसके तहत वह विभिन्न प्रकार की अफवाहें फैलाने की कोशिश करेगा, ताकि सरकार और प्रशासन की जो मशीनरी है, उसे दुश्मन से लड़ने की बजाय इन अफवाहों से निपटने में लगा दिया जाए। इसलिए आप सबसे मेरा निवेदन है कि किसी भी प्रकार की अफवाहों पर आप ध्यान ना दें और किसी भी खबर को हमारे कंट्रोल रूमों से क्रॉस चेक करने के बाद ही उस पर भरोसा करें।'