वसुंधरा राजे के सांसद बेटे दुष्यंत सिंह की RCA में एंट्री तय, कड़े मुकाबले के आसार
- डीसीए में अध्यक्ष चुने जाने के बाद सांसद दुष्यंत सिंह की आरसीए में एंट्री तय मानी जा सकती है। राज्या में बीजेपी की सरकार बनने के बाद RCA राजनीति का अखाड़ा बनता जा रहा है।
राजस्थान क्रिकेट की सियासत में अशोक गहलोत के बेटे के बाद वसुंधरा राजे के सांसद बेटे दुष्यंत सिंह की एंट्री हो गई। उन्हें झालावाड़ जिले में संचालित आठ क्रिकेट क्लब में से एक भारत क्रिकेट क्लब का अध्यक्ष चुना गया है। ऐसे में अब आगामी दिनों होने वाले डीसीए चुनाव में उनका निर्विरोध अध्यक्ष चुना जाना तय माना जा रहा है।
डीसीए में अध्यक्ष चुने जाने के बाद सांसद दुष्यंत सिंह की आरसीए में एंट्री तय मानी जा सकती है। राज्या में बीजेपी की सरकार बनने के बाद RCA राजनीति का अखाड़ा बनता जा रहा है। यहां प्रदेश के कई मंत्रियों व विधायकों के पुत्र डीसीए में पद लेकर RCA में बड़े पद का ख्वाब संजोए हुए हैं। जबकि, राजनीतिक दिग्गजों के बेटे यहां से प्रदेश की राजनीति में बैक डोर एंट्री की फिराक में हैं। ईटीवी भारत राजस्थान की खबर के अनुसार आरसीए में पद पाने की चाहत के चलते कई राजनीतिक दिग्गज पहले ही डीसीए में एंट्री ले कर चुके हैं।
नागौर जिला क्रिकेट एसोसिएशन से चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर के बेटे धनंजय सिंह खींवसर अध्यक्ष बनकर आरसीए में एंट्री को तैयार हैं। वहीं, से चूरू से पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ के पुत्र पराक्रम सिंह डीसीए का अध्यक्ष बनकर RCA के लिए ताल ठोके हुए हैं। इनके अलावा मंत्री मदन दिलावर के बेटे पवन दिलावर ने भी क्रिकेट में एंट्री कर ली है और उन्हें बारां क्रिकेट एसोसिएशन ने निर्विरोध कोषाध्यक्ष चुना है, जबकि मोती डूंगरी मंदिर के महंत के बेटे अभिषेक शर्मा भी डूंगरपुर से कोषाध्यक्ष चुके गए हैं।
RCA से जुड़ी एडहॉक कमेटी के कन्वीनर जयदीप बयानी के मुताबिक प्रदेश सरकार द्वारा कमेटी को 3 महीने का एक्सटेंशन मिला है। ऐसे में आरसीए चुनाव की अभी कोई संभावना नहीं है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी रजिस्ट्रारों को डीसीए चुनाव करवाने को कहा गया है। प्रदेश सरकार के निर्देश पर आरसीए के चुनाव कराए जाएंगे। झालावाड़ जिला क्रिकेट संघ में चुनाव की सूचना उनके पास नहीं है और न ही कोई ऑब्जर्वर लगाया गया है।
ऐसे में माना जा रहा है कि राजस्थान क्रिकेट संघ के चुनाव में ये सभी सियासी दिग्गज अध्यक्ष, सचिव और कोषाध्यक्ष पद पर अपना भाग्य आजमा सकते हैं। साथ ही इन पदों पर होने वाले चुनाव के बीच दिग्गज नेताओं के बेटों के बीच भी घमासान छिड़ने की संभावना है।