'आज लोग उसी अंगुली को काटते हैं...' वसुंधरा राजे के निशाने पर कौन?
राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि आज लोग उसकी की अंगुली काटने का प्रयास करते हैं, जिसे पकड़कर वो चलना सीखते है। सियासी जानकार राजे के तल्ख तेवर के मायने निकाल रहे है।
राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि आज लोग उसकी की अंगुली काटने का प्रयास करते हैं, जिसे पकड़कर वो चलना सीखते है। उदयपुर में विशिष्ट जन समारोह को संबोधित करते हुए ये बातें कही। वसुंधरा राजे ने यह बात कहीं उस समय असम के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया भी मंच पर मौजूद थे। बता दें राजस्थान की सियासत में कटारिया को वसुंधर राजे का धुर विरोधी माना जाता है। विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी आलाकमान ने कटारिया को नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया और असम का राज्यपाल बना दिया था। राजनीतिक विश्लेषक वसुंधरा राजे के बयान के सियासी मायने निकाल रहे है। सियासी जानकारों का कहना है कि लंबे समय बाद राजे ने चुप्पी तोड़ी है। पार्टी आलाकमान को संदेश दिया है कि वह अब चुप रहने वालीं नहीं है। दूसरा उन लोगों को निशाने पर लिया है, जिन्हें वसुंधरा राजे ने राजस्थान की राजनीति में आगे बढ़ाया।
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि भंडारी जी ने राजस्थान में भैरों सिंह जी सहित कितने ही नेताओं को आगे बढ़ाया है। पर वफा का वह दौर अलग था। तब लोग किसी के किए हुए को मानते थे लेकिन आज तो लोग उसी अंगुली को पहले काटने का प्रयास करते हैं। जिसको पकड़ कर वह चलना सीखते हैं। वसुंधरा ने कहा कि मां ने हमेशा हमें संघ के संस्कार दिए मेरी माता ने पहली जनसंघ की सरकार बनाई थी।
वसुंधरा राजे ने कहा कि उनकी माता विजयाराजे सिंधिया ने मध्यप्रदेश में 1967 में देश में पहली बार जनसंघ की सरकार बनाई और गोविंद नारायण सिंह को सीएम बनाया तब भंडारी जीने पत्र लिख कर खुशी जताई थी। मां ने बचपन से ही हमें संघ के संस्कार दिए हमारे घर में तो कई बार संघ की शाखा लगती थी अटल जी, आडवाणी जी, राजमाता साहब, भैरों सिंह जी, सुंदर सिंह जी भंडारी, रज्जू भैया, केएस सुदर्शन जी, दत्तोपंत ठेंगड़ी जी और कुशाभाऊ ठाकरे जी जैसे देशभक्तों का मार्गदर्शन हमें मिला।