लोकसभा चुनाव से पहले भजनलाल शर्मा का कद बढ़ना किसके लिए अशुभ ? ऐसे समझिए
राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा का कद बढ़ने के संकेत है। लोकसभा चुनाव में उम्मीदवारों का चयन हो या फिर स्टार प्रचारकों की सूची। भजनलाल शर्मा की राजस्थान की राजनीति में छाए है। मायने निकाले जा रहे है।
राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा का कद बढ़ने के संकेत है। लोकसभा चुनाव में उम्मीदवारों का चयन हो या फिर स्टार प्रचारकों की सूची। भजनलाल शर्मा की राजस्थान की राजनीति में छाए है। हाल ही में बीजेपी ने मध्यप्रदेश के लिए स्टार प्रचारकों की सूची जारी की है। जिसमें राजस्थान से सिर्फ एक नाम है। सीएम भजनलाल शर्मा का। सियासी जानकारों का कहना है कि सीएम भजनलाल शर्मा का कद बढ़ना वसुंधरा राजे की वापसी के लिए अशुभ है। क्योंकि पहले ये माना जा रहा था कि भनजलाल शर्मा लंबी पारी नहीं खेल पाएंगे, लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि पांच साल तक रहेंगे। हालांकि, सियासी जानकारों का कहना है कि लोकसभा चुनाव परिणाम से ही भजनलाल का कद तय होगा। राजस्थान की दो बार की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे फिलहाल वेट एंड वाच की स्थिति में है। इन दिनों वसुंधरा राजे समर्थक एक-एक करके बीजेपी छोड़ रहे है। चूरू सांसद राहुल कस्वां हो या फिर कोटा से प्रहलाद गुंजल। कांग्रेस में शामिल हो गए है। सियासी जानकारों का कहना है कि वसुंधरा राजे की अनदेखी ने नाराज होकर आने वाले दिनों कुछ और नेता बीजेपी छोड़ सकते है। फिलहाल वसुंधरा राजे कैंप पूरी तरह से शांत है। खुद वसुंधरा राजे भी चुप्पी साधे हुए है।
सियासी जानकारों का कहना है कि बीजेपी आलाकमान ने हाल ही में ऐसे फैसले लिए है। जिनसे साफ होता है कि भजनलाल शर्मा का कद बढ़ा है और वसुंधरा राजे का कद घटा है। राजनीतिक कद के हिसाब से पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को स्टार प्रचारकों की सूची में जगह नहीं मिली है। यहीं नहीं किसी नेता को बीजेपी में शामिल कराना हो या फिर टिकट किसे देना है। राजस्थान के सारे निर्णय भजनलाल के हिसाब से ही लिए जा रहे है। राजनीतिक विश्लेषक राजस्थान की राजनीति में भजनलाल शर्मा के बढ़ते कद दो मायने निकाल रहे है। पहला यह है कि भजनलाल पूर्णकालिक सीएम है। पांच साल तक रहेंगे। दूसरा यह है कि निकट भविष्य में वसुंधरा राजे की वापसी के संकेत नहीं मिल रहे है। जबकि वसुंधरा राजे कैंप ने अभी भी उम्मीद नहीं छोड़ी है।
राजस्थान में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, कैलाश चौधरी और अर्जुन मेघवाल पर भजनलाल शर्मा भारी पड़ रहे है। जबकि ओम बिरला और शेखावत को आरएसएस का समर्थन मिला हुआ है, इसके बावजूद राजस्थान की राजनीति में इन नेताओं की सीएम भजनलाल शर्मा भारी पड़ रहे है। पहली बार विधायक बनकर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की सफलता के राज से राजनीतिक विश्लेषक भी हैरान है। हालांकि, राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि लोकसभा चुनाव के बाद ही सही मायने में तस्वीर साफ हो पाएगी। क्योंकि बीजेपी की हैट्रिक लगती है इसका श्रेय भजनलाल शर्मा को भी जाएगा। लेकिन सियासी जानकारों का कहना है कि इस बार कांग्रेस ने कई सीटों पर गठबंधन करके बीजेपी को सिरदर्द दे दिया है। सियासी जानकारों का कहना है कि अलवर, नागौर, सीकर, उदयपुर, टोंक-सवाई माधोपुर और अजमेर में कांग्रेस मजबूत स्थिति में है। ऐसे में लोकसभा चुनाव में सीएम भजनलाल शर्मा की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है।