Hindi Newsराजस्थान न्यूज़Rajasthan politics: Has the speculation regarding Vasundhara Raje come to an end what is strategy

Rajasthan politics: वसुंधरा राजे को लेकर क्या अटकलों पर विराम लग गया है? क्या है रणनीति

राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की चुप्पी से सियासी जानकार हैरान है। तरह-तरह की अटकलें लगा रहे है। जानकारों का कहना है कि वसुंधरा राजे सही मौके के इंतजार में है। इसलिए मौन धारण किए है। 

Prem Narayan Meena लाइव हिंदुस्तान, जयपुरSat, 16 March 2024 06:20 AM
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राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की चुप्पी से सियासी जानकार हैरान है। तरह-तरह की अटकलें लगा रहे है। कुछ का कहना है कि वसुंधरा राजे सही मौके के इंतजार में है। इसलिए मौन धारण किए है। ऐसा कहा जा रहा है कि वसुंधरा राजे ने लोकसभा चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया। जबकि एमपी के पूर्व सीएम विधानसभा सदस्य होते हुए भी लोकसभा का चुनाव लड़ रहे है। राजे की परंपरागत सीट झालावाड़ से उनके बेटे दुष्यंत सिंह चुनाव लड़ रहे है। सियासी जानकारों का कहना है कि गरमाए विषयों पर नहीं वसुंधरा के नहीं बोलने को लेकर हमेशा की तरह इस बार भी कई मायने निकाले जा रहे हैं। चूरू से बीजेपी सांसद राहुल कस्वां ने पार्टी छोड़ दी है। राहुल कस्वां वसुंध राजे कैंप के माने जाते थे, लेकिन वसुंधरा राजे ने चुप्पी साधे रखी। सियासी जानकारों का कहना है कि वसुंधरा राजे सही मौके की इंतजार में है। राजनीति में कुछ भी स्थाई नहीं होता है। किसी ने नहीं सोचा कि पहली बार ही विधायक बनने वाले भजनलाल शर्मा मुख्यमंत्री बन जाएंगे। सियासी जानकारों का कहना है कि वसुंधरा राजे की चुप्पी तक ही राज रहेगा। जिस दिन राजे की चुप्पी टूटी राजस्थान की राजनीति में खेला हो सकता है।

सियासी जानकारों का कहना है कि राजे ने ऐसे कोई संकेत नहीं दिए है, जिससे यह अंदाजा लगाया जा सके कि राजस्थान में बगावत हो सकती है। लेकिन वसुंधरा राजे के करीबियों का कहना है वसुंधरा राजे पार्टी के कार्यक्रमों से दूर ही रहेंगीं, क्योंकि पार्टी ने जिस तरह से उनकी अनदेखी की है वह उनके राजनीतिक कद के हिसाब से ठीक नहीं है। वसुंधरा राजे में ही सभी समाज को एक साथ लेकर चलने की क्षमता है।सियासी जानकारों का कहना है कि  1985 में पहली बार धौलपुर की विधायक बनी वसुंधरा राजे झालरापाटन से पांच बार से विधायक हैं। इसके अलावा वे पांच बार सांसद भी रह चुकी हैं। बावजूद इसके मौजूदा हालात पर चुप है।

उल्लेखनीय है कि वसुंधरा राजे आज भी राजस्थान बीजेपी का सबसे बड़ा चेहरा है। वसुंधरा राजे की सभी जातियों पर पकड़ मानी जाती है। वसुंधरा राजे दो बार सीएम रह चुकी हैं। तीसरी बार भाजपा के बहुमत में आने के बाद वसुंधरा राजे को सीएम नहीं चुना गया। केंद्र की तरफ से राजनाथ सिंह के हाथ पर्ची भेजकर वसुंधरा राजे से नये सीएम का ऐलान करवाया गया, जिसके बाद से राजे ने पार्टी के कार्यक्रमों से दूरी बना ली। यहां तक की पीएम नरेंद्र मोदी के राजस्थान आगमन के दौरान भी राजे कई कार्यक्रमों में दिखाई नहीं दी। हालांकि, बाद में वसुंधरा राजे कई अहम मौकों पर दिखाई दी है। 

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