Rajasthan Politics: वसुंधरा राजे के आवास पर पहुंचे सीएम भजन लाल, समझिए सियासी मायने
राजस्थान में पर्ची खुलने के करीब डेढ़ महीने बाद सीएम भजनलाल शर्मा पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के आवास पर पहुंचे। बताया जा रहा है कि सीएम ने आधा घंटे तक विभिन्न मुद्दों पर राजे से बात की।
राजस्थान में पर्ची खुलने के करीब डेढ़ महीने बाद सीएम भजनलाल शर्मा पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के आवास पर पहुंचे। बताया जा रहा है कि सीएम ने आधा घंटे तक विभिन्न मुद्दों पर राजे से बात की है। सीएम के अचानक वसुंधरा राजे के घर पहुंचने के अलग-अलग सियासी मायने निकाले जा रहे है। बता दें भजनलाल शर्मा के सीएम बनने के बाद वसुंधरा राजे बीजेपी के कार्यक्रमों से दूरी बनाए हुए है। बताया जा रहा है कि वसुंधरा राजे सीएम नहीं बनाए जाने से नाराज है।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान में अब भजन लाल की सरकार है। सरकार को डेढ़ महीने का वक्त बीत चुका है और कई बड़े निर्णय लेकर सरकार ने सभी को चौंकाया भी है। भजन लाल के सीएम बनने के बाद वसुंधरा इन दिनों पार्टी से दूर बनाकर बैठी हैं। कई बैठकों में वे नहीं पहुंची। यहां तक कि जब पीएम मोदी भाजपा कार्यालय आए, तब भी राजे वहां मौजूद नहीं थीं। हालांकि विधानसभा सत्र की कार्यवाही में उन्होंने भाग लेकर सभी को चौंका दिया। उधर, भजन लाल शर्मा भी सीएम बनने के बाद वसुंधरा राजे से नहीं मिले थे। दोनों नेताओं के बीच शुक्रवार को मुलाकात हुई।
अचानक पहुंचे राजे के आवास पर
मुख्यमंत्री बनने के डेढ़ महीने के बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से उनके निवास पर मिलने पहुंचे। बताया जा रहा है कि यह मुलाकात करीब आधे घंटे तक चली। इसके बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सीएमओ पहुंचे। वहीं इस मुलाकात का समय बेहद खास है, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को जयपुर आए थे। इसके एक दिन बाद दोनों में मुलाकात हुई। इस मुलाकात को लेकर कई सियासी मायने निकाले जा रहे है। राजे ने भी गुरुवार को एयरपोर्ट पहुंचकर पीएम मोदी का स्वागत किया था। इसकी तस्वीर भी सामने आई है।
राजे बनाए हुए है कार्यक्रमों से दूरी
भाजपा आलाकमान ने इस बार राजस्थान की बागड़ोर भजन लाल शर्मा के हाथों में दी है। राजे दो बार मुख्यमंत्री रह चुकी हैं, ऐसे में पार्टी अभी तक उनकी भूमिका तय नहीं कर पाई है। हालांकि जेपी नड्डा की टीम में उन्हें बरकरार रखा गया है। ऐसे में फिलहाल वे पार्टी उपाध्यक्ष के रूप में काम कर रही हैं। उनके पुत्र दुष्यंत सिंह सांसद हैं और इस बार भी झालावाड़ से सबसे मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं।