Hindi Newsराजस्थान न्यूज़Rajasthan Election: Due to fear of defeat a dozen ministers of Gehlot want safe seats

सुरक्षित सीटों की तलाश में क्यों है अशोक गहलोत के मंत्री? हार का डर या फिर रणनीति; जानें सबकुछ

राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए सरगर्मियां तेज हो चुकी हैं। गहलोत के कुछ विधायक-मंत्रियों को हार का डर सता रहा है। कारण एंटी इंकम्बेंसी फैक्टर। कई मंत्री-विधायक परिजनों के लिए टिकट मांग रहे है।

Prem Narayan Meena लाइव हिंदुस्तान, जयपुरSun, 24 Sep 2023 12:15 PM
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राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए सरगर्मियां तेज हो चुकी हैं। टिकट के दावेदार ताल ठोक रहे हैं तो दूसरी ओर कुछ वर्तमान विधायक-मंत्रियों को हार का डर सता रहा है। कारण एंटी इंकम्बेंसी फैक्टर। सर्वे के मुताबिक गहलोत सरकार के एक दर्जन से ज्यादा मंत्री अपनी ही सीट पर डेंजर जोन में हैं। फीडबैक के आधार पर कांग्रेस संगठन ने भी ऐसे ही संकेत दिए हैं। अब गहलोत के ये मंत्री सुरक्षित सीट की तलाश में जुट गए हैं। कुछ मंत्री चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं। अपने बेटा-बेटी के लिए टिकट मांग रहे हैं। यह मंत्रियों में घबराहट का संकेत माना जा रहा है। हार का डर सता रहा है। 

इस बार सेफ सीटों पर नजर 

राजस्थानमें बीजेपी हो या कांग्रेस, दोनों पार्टियों के दिग्गज नेताओं की नजर इस बार सबसे सेफ सीटों पर है। यानी ऐसी सीट जहां से जीतने की संभावनाएं ज्यादा हों। कुछ नेताओं की सीटें जहां पार्टियां खुद बदलना चाहती हैं। वहीं कुछ दिग्गज जातीय समीकरण बैठाकर नई सीट से चुनाव करना चाहते हैं। गहलोत के स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीना, यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल, वनमंत्री हेमाराम चौधरी, जलदाय मंत्री महेश जोशी समेत आधा दर्जन मंत्री ऐसे है जो अपने परिजनों के लिए टिकट मांग रहे हैं। धारीवाल और परसादी ला अपने बेटे के लिए टिकट मांग रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल दौसा जिले की लालसोट से अपने बेटे के लिए टिकट की मांग कर रहे हैं। 

नेताओं को सता रहा हार का डर

राजस्थान कांग्रेस को अपने सर्वे में 60 से ज्यादा विधायकों का फीडबैक हारने वाला मिला है। इनमें कुछ मंत्री भी शामिल है। प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा साफ कह चुके है कि इस बार जिताऊ उम्मीदवार को ही टिकट दिया जाएगा। सियासी जानकारों का कहना है कि सीएम गहलोत के पिछले दो कार्यकाल में 70 फीसदी मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा है। पार्टी ने इस बार इतिहास से सबक लेने के संकेत दिए है। मतलब खराब परफोर्मेंस वाले मंत्रियों को टिकट नहीं दिया जाएगा।  रंधावा का साफ कहना है कि जिताऊ उम्मीदवारको टिकट दिया जाएगा। टिकट देने का एकमात्र पैमाना सिर्फ जीत है।चुनाव की सरगर्मी के बीच नेताओं को अपने टिकट कटने का डर तो किसी को चुनाव में हार का डर सता रहा है। इसलिए नेता अलग-अलग जतन करते नजर आ रहे हैं। किसी को अपने टिकिट में उम्र आड़े आने का डर सता रहा है। कई तो को अपने लिए न सही अपनी सीनियरटी का हवाला देकर नेता पुत्रों के लिए टिकट मांगे रहे हैं। 


 

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