Hindi Newsराजस्थान न्यूज़Lok Sabha elections 2024: Why Vasundhara Raje was not called to Delhi nside story of BJP first list

Lok Sabha elections : शिवराज सिंह को दिल्ली बुलाया, वसुंधरा राजे को क्यों नहीं? समझिए सियासी मायने

बीजेपी ने शिवराज सिंह चौहान को लोकसभा का टिकट देकर दिल्ली बुलाया है। जबकि राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को टिकट नहीं दिया है। सियासी जानकारों का कहना है कि वसुंधरा राजे की वाापसी के संकेत है।

Prem Narayan Meena लाइव हिंदुस्तान, जयपुरSun, 3 March 2024 09:22 AM
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बीजेपी ने राजस्थान की 25 लोकसभा सीटों में से 15 पर प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं, जबकि 10 सीटों को होल्ड पर रखा है। बीजेपी आलाकमान ने इस बार 7 सांसदों को टिकट काट दिए हैं। खास बात यह है कि बीजेपी ने मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान को लोकसभा का टिकट देकर दिल्ली बुलाया है, जबकि वसुंधरा राजे को टिकट नहीं दिया है। वसुंधरा राजे के बेटे दुश्यंत सिंह को अपनी परंपरागत सीट झालावाड़ से फिर से टिकट दिया गया है। सियासी जानकार वसुंधरा राजे को दिल्ली नहीं बुलाने के पीछे वजह बता रहे हैं। कुछ जानकारों का कहना है कि वसुंधरा राजे खुद ही राजस्थान छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं। वह राजस्थान में रहकर ही राजनीति करना चाहती हैं। इसके चलते भाजपा आलकमान वसुंधरा राजे के सामने नरम पड़ गया है।

सियासी जानकारों का कहना है कि वसुंधरा राजे की जगह उनके बेटे को टिकट दिया गया है। मतलब वसुंधरा राजे का बेटे ही दिल्ली की राजनीति में सक्रिय रहेंगे। सियासी जानाकारों का यह भी कहना है कि शिवराज सिंह को विधायक रहते टिकट दिया है, जबकि वसुंधरा राजे को नहीं दिया है। वसुंधरा राजे भी विधायक हैं। ऐसे में हो सकता है कि राजस्थान में नेतृत्व परिवर्तन होने पर वसुंधरा राजे को फिर से राज मिल सकता है।

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि बीजेपी ने भले सीएम भजनलाल शर्मा को राजस्थान सौंप दिया हो, लेकिन वसुंधरा राजे जैसी धमक नहीं है। सियासी जानकारों का यह भी कहना है कि लोकसभा चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन ठीक नहीं रहता है तो नेतृत्व परिवर्तन की संभावनाएं बन सकती हैं। ऐसे में वसुंधरा राजे से बड़ा कद्दावर नेता राजस्थान में कोई और नहीं है। बीजेपी ने तीनों केंद्रीय मंत्रियों गजेंद्र सिंह शेखावत, कैलाश मेघवाल और अर्जुन मेघवाल को टिकट देकर केंद्र की राजनीति में रहने के संकेत दिए हैं। ऐसे में वसुंधरा राजे ही राजस्थान की फिर से कमान संभाल सकती हैं। 

7 सांसदों को टिकट काटे 

बीजेपी ने 7 नए प्रत्याशियों के टिकट काटकर बड़े सियासी संकेत दिए हैं, लेकिन तीनों मंत्रियों पर फिर से विश्वास जताया है। चूरू से रामसिंह कस्वां का टिकट काट दिया है। सियासी जानकारों का कहना है कि चूरू सांसद कस्वां को राजेंद्र राठौड़ से पंगा लेना भारी पड़ा है। राजेंद्र राठौड़ ने खुद की हार के लिए इशारों में सांसद को ही जिम्मेदार ठहराया था। हालांकि, उन्होंने उनका नाम नहीं लिया था। बीजेपी ने चूरू से देवेंद्र झाझड़िया को टिकट दिया है। सियासी जानकारों का कहना है कि राम मंदिर और राष्ट्रवाद के सहारे चल रही बीजेपी को अपने सांसदों के कामकाज पर भरोसा नहीं था, इसलिए टिकट काटे हैं। माना जा रहा है कि 10 लोकसभा सीट होल्ड पर रखी गई हैं। इनमें भी आधे सासंदों के टिकट खतरे में हैं। 

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