BJP छोड़ रहे हैं वसुंधरा के करीबी नेता,ओम बिरला के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे?
राजस्थान में बीजेपी का तगड़ा झटका लग सकता है। वसुंधरा राजे के करीबी गुर्जर नेता प्रहलाग गुंजल के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें है। चर्चा है कि गुंजल लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे।
राजस्थान में बीजेपी का तगड़ा झटका लग सकता है। वसुंधरा राजे के करीबी गुर्जर नेता प्रहलाग गुंजल के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें है। चर्चा है कि कांग्रेस के साथ बात हो गई है। गुंजल लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के खिला चुनाव लड़ सकते है। प्रहलाद गुंजर की पोस्ट से अटकलों को हला मिली है। उन्होंने मोदी का परिवार टैग हटा लिया है। बता दें प्रहलाद गुंजल हाड़ौती अंचल यानी कोटा-बूंदी के ब़ड़े नेता माने जाते है। गुर्जर वोटरों में पकड़ मानी जाती है। कोटा की सियासी में वह गहलोत के करीबी पूर्व कैबिनेट मंत्री शांति धारीवाल के धुर विरोधी माने जाते है, लेकिन अब उन्होंने बीजेपी छोड़ने की तैयारी कर ली है। हालांकि, आधिकारिक तौर पर उन्होंने कोई बयान नहीं दिया है।
गुंजल के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें मंगलवार को अचानक से सोशल मीडिया पर चलना शुरू हुईं, जिसने बाद में राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं को हवा दे दी।सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रहलाद गुंजल को पार्टी में शामिल करने को लेकर कांग्रेस आलाकमान भी सहमत हो गया है। माना तो यहां तक जा रहा है कि बुधवार को नई दिल्ली स्थित एआइसीसी मुख्यालय में अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की मौजूदगी में प्रहलाद गुंजल को औपचारिक रूप से पार्टी की सदस्यता दिलाई जा सकती है।
वसुंधरा के सबसे करीबी नेता
प्रहलाद गुंजल पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के सबसे विश्वस्त और करीबी नेताओं में से एक हैं। वे वसुंधरा राजे के सीएम कार्यकाल के दौरान मंत्री भी रह चुके हैं। पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान वसुंधरा राजे को सीएम फेस घोषित करने को लेकर भाजपा नेतृत्व के खिलाफ खुलकर सामने आने को लेकर भी वे चर्चाओं में रहे थे। उनका नाम हाड़ौती संभाग के प्रमुख नेताओं में शुमार है।
बता दें इससे पहले वसुंधरा राजे के करीब नेता चूरू सांसद राहुल कस्वां बीजेपी छोड़ कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं। कस्वां को तो कांग्रेस ने हाथों-हाथ चूरू सीट से टिकट थमा दिया, वहीं उम्मेदाराम के भी बाड़मेर सीट से प्रत्याशी बनाये जाने की चर्चाएं हैं। इधर कोटा-बूंदी सीट से कांग्रेस ने अभी तक अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया है।
बता दें विधानसभा चुनाव में प्रहलाद गुंजल कम वोटों से गहलोत के मंत्री धारीवाल से हार गए थे। इसके बाद से ही बीजेपी में उनकी उपेक्षा शुरू हो गई।जानकारी के अनुसार प्रहलाद गुंजल पिछले कुछ समय से भाजपा के प्रदेश से लेकर शीर्ष नेतृत्व तक से कई बातों को लेकर नाराज़ चल रहे हैं। इस उपेक्षा को ही आधार मानकर अब उनके भाजपा छोड़ कांग्रेस में जाने की बात ज़ोर पकड़े हुए हैं। हालांकि गुंजल की ओर से अभी तक उनके नाम को लेकर चल रहे इन तमाम चर्चाओं और अटकलों पर कोई जवाब नहीं आया है।