Hindi Newsराजस्थान न्यूज़Lok Sabha Election 2024: Why are Vasundhara Raje special loyalists joining Congress from BJP

Lok Sabha Election: वसुंधरा राजे के खास वफादारों में क्यों मची भगदड़? कहीं ये वजह तो नहीं है

राजस्थान में लोकसभा चुनाव से पहले वसुंधरा राजे के समर्थकों में भगदड़ मची हुई है। चूरू सांसद राहुल कस्वां के बाद अब कौटा संभाग के बड़े गुर्जर नेता प्रहलाद गुंजल कांग्रेस में शामिल हो गए है।

Prem Narayan Meena लाइव हिंदुस्तान, जयपुरFri, 22 March 2024 07:54 AM
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 लोकसभा चुनाव से पहले राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के समर्थक कांग्रेस में शामिल हो रहे है। चूरू सांसद राहुल कस्वां के बाद अब प्रहलाद गुंजल कांग्रेस में शामिल हो गए है। छोटे-बड़े नेता कतार में खड़े है। इससे पहले विधानसभा चुनाव के दौरान वसुंधरा राजे समर्थक नेताओं ने बीजेपी को गुडबाय बोल दिया था। राजनीतिक विश्लेषक वसुंधरा राजे समर्थकों के बीजेपी के छोड़ने के दो वजह बता रहे है। पहली वजह अनदेखी औऱ दूसरी वजह वसुंधरा राजे की चु्प्पी। बता दें जब से वसुंधरा राजे की जगह भजनलाल शर्मा ने ली है, तब से राजे चुप्पी साधे हुए है। सियासी जानकारों का कहना है कि राजे समर्थकों का ऐसा लगता है कि अब उन्हें पूरी तरह से किनारे कर दिया है। कोटा संभाग के बड़े गुर्जर नेता प्रहलाद गुंजल ने साफ कहा कि वसुंधरा राजे की अनदेखी से वह दुखी है। कोटा में एक ही परिवार की चलती है। ऐसे में वह बीजेपी से अपने 35 साल का नाता तोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए है। माना जा रहा है कि गुंजल को कोटा से ओम बिरला के खड़ा किया जाएगा। राजस्थान की राजनीति में ओम बिरला को वसुंधरा राजे का धुर विरोधी माना जाता है। 

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह के बेटे पूर्व सांसद मानवेंद्र सिंह के बीजेपी में शामिल होने की अटकलें लग रही है। इसके लिए केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और डिप्टी सीएम दीया कुमारी प्रयास कर रहे है। मानवेंद्र सिंह वसुंधरा राजे के खिलाफ चुनाव लड़ चुके है। राजे विरोधी कैंप मानवेंद्र सिंह घर वापसी करने पर अड़ा हुआ है। सियासी जानकारों का कहना है कि मानवेंद्र सिंह ने ऐसे संकेत दिए है कि वह घर वापसी करेंगे, यदि ऐसा होता है तो वसुंधरा राजे के लिए यह बड़ा झटका माना जाएगा। क्योंकि राजे विरोधी धड़ा और मजूबत हो सकता है। ऐसे में सियासी जानकारों का कहना है कि पार्टी में एक ध़ड़ा वसुंधरा राजे की वापसी नहीं चाहता है। इसलिए राजे के समर्थक एक के बाद एक करके बीजेपी छोड़ रहे है। 

सियासी जानकारों का कहना है कि वसुंधरा राजे को भले ही पार्टी आलाकमान ने सीएम नहीं बनाया हो, इसके बावजूद वसुंधरा राजे के कद काठी का नेता राजस्थान बीजेपी में नहीं है। वसुंधराज राजे की 36 कौम में पकड़ है। पार्टी को उनकी अनदेखी भारी पड़ सकती है। फिलहाल वसुंधरा राजे चुप्पी साधे हुए है। सत्ता परिवर्तन के बाद वसुंध राजे ने ऐसे कोई संकेत भी नहीं दिए है, जिससे उनके समर्थकों का पलायन थम जाए। फिलहाल राजस्थान की राजनीति में वसुंधरा राजे कैंप के नेता कांग्रेस में शामिल हो रहे है।  लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी के मिशन 25 पर ग्रहण लग सकता है। राजस्थान में बीजेपी नेताओं का हैट्रिक लगाने का दावा है। लेकिन सियासी जानकारों का कहना है कि कांग्रेस ने गठबंधन कर बीजेपी के लिए परेशानी खड़ी कर दी है। 

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