CM गहलोत 'मिशन गुजरात' पर, 19 जुलाई को अहमदाबाद जाने का कार्यक्रम; बनाएंगे ये रणनीति
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का 19 जुलाई को जयपुर से अहमदाबाद जाने का प्रस्तावित कार्यक्रम है गहलोत गुजरात कांग्रेस के नेताओं के साथ चुनावी रणनीति बनाएंगे। गहलोत को सीनियार आब्जर्वर बनाया है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का 19 जुलाई को जयपुर से अहमदाबाद जाने का प्रस्तावित कार्यक्रम है। सीएम गहलोत गुजरात कांग्रेस के नेताओं के साथ चुनावी रणनीति बनाएंगे। कांग्रेस आलाकमान ने सीएम गहलोत को गुजरात चुनाव के लिए सीनियर आब्जर्वर बनाया है। इस बार कांग्रेस आलाकमान ने राजस्थानियों पर भरोसा जताया है। सीएम गहलोत की सलाह पर ही रघु शर्मा को गुजरात का प्रदेश प्रभारी बनाया गया। 37 में से 23 पर्यवेक्षक गहलोत के मंत्री और विधायक बनाए गए है। उल्लेखनीय है कि 1995 से लगातार गुजरात में चुनाव जीतती आ रही भाजपा का 2017 के चुनाव में सबसे कमजोर प्रदर्शन था। यह माना जाता है कि 2017 के विधानसभा चुनाव के आखिरी दौर में अगर पीएम मोदी ने चुनाव प्रचार की कमान नहीं संभाली होती तो शायद भाजपा की सरकार नहीं बन पाती।
गुजरात का जिम्मा राजस्थानियों के हाथ में
कांग्रेस आलाकमान ने सीएम गहलोत के अलावा मंत्रिपरिषद के सदस्यों और विधायकों को भी गुजरात में चुनावी कमान सौंपी है। पार्टी ने गुजरात के 37 में से 23 पर्यवेक्षक राजस्थान के लगाए है। गहलोत के मंत्रियों और विधायकों को पर्यवेक्षक लगाया गया है। उनमें शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला, सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना, राजस्व मंत्री रामलाल जाट, खेल मंत्री अशोक चांदना और खनन एवं गौपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया जैसे बड़े चेहरे शामिल है। मंत्री सुखराम विश्नोई, सुरेश मोदी, अमित चाचाण, अर्जुन बामणिया, गोविंद राम मेघवाल और विधायक राजकुमार शर्मा को भी जिम्मेदारी दी है। ये सभी विधायक और मंत्री अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में रायशुमारी कर टिकट देने की अनुशंषा पार्टी आलाकमान से करेंगे।
कांग्रेस आलाकमान ने फिर जताया भरोसा
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भाजपा के अभेद्य गढ़ गुजरात में एक बार फिर कांग्रेस की कमान सौंपकर पार्टी आलाकमान ने अपने इरादे साफ कर दिए है। हर हाल में गुजरात विधानसभा में जीत चाहिए। पार्टी आलाकमान को भरोसा है कि यह काम सिर्फ राजस्थान से सीएम अशोक गहलोत ही कर सकते हैं। कांग्रेस ने गहलोत को खुलकर बैटिंग करने का अवसर दिया है। उल्लेखनीय है कि सीएम गहलोत ने 2017 में गुजरात प्रभारी रहते हुए चुनावी चौसर पर अपनी राजनीतिक चालों से भाजपा को 100 सीटों से कम पर लाकर पटक दिया था। कांग्रेस को जीत के मुहाने पर ले गए थे। हालांकि अंतिम समय में सूरत जिले से बाजी पलट गई और कांग्रेस को वनवास से मुक्ति नहीं मिल पाई। सूरत में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था।