चोर कहकर बुलाता था बॉस, सेल्समैन ने जहर खाकर दे दी जान; सुसाइड नोट में बताया अपना दर्द
राजस्थान के कोटा शहर में एक सेल्समैन ने मानसिक प्रताड़ना से परेशान होकर आत्महत्या कर ली। मृतक के कमरे से सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें उसने अपने शोरूम मालिक पर आरोप लगाते हुए लिखा है- बॉस बार-बार चोर कहकर बुलाते हैं।
राजस्थान के कोटा शहर में एक सेल्समैन ने मानसिक प्रताड़ना से परेशान होकर आत्महत्या कर ली। मामला कोटा के भीमगंज मंडी थाना क्षेत्र से सामने आया है। 40 साल के मृतक विजयपाल जनकपुरी इन्द्रा कॉलोनी का निवासी था। उसने अपने घर पर ही जहर खाकर जान दे दी।
मृतक के कमरे से सुसाइड नोट भी मिला है जिसमें उसने अपने शोरूम मालिक पर आरोप लगाते हुए लिखा है- बॉस को लगता है कि मैं चोर हूं। बार-बार चोर कहकर बुलाते हैं। पुलिस भी थाने में बुलाकर परेशान करती है। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया है। साथ ही मामले की जांच शुरू कर दी है।
19 साल से शोरूम में करते थे काम
मृतक विजयपाल की पत्नी कंचन ने बताया कि विजयपाल पिछले 19 सालों से कोटा में घोड़े वाला बाबा चैराहे पर स्थित इलेक्ट्रॉनिक शोरूम में काम करते थे। इसी शोरूम के गोदाम में करीब 1 साल पहले चोरी हो गई थी। इसमें बार-बार उनके पति पर चोरी का आरोप लगाते हुए उनको चोर-चोर कहकर बुलाया जाता था।
पत्नी का कहना कि 22 अगस्त को पति उसे उत्तर प्रदेश पीहर छोड़ने गए थे। इसके बाद 4 सितंबर की रात 9 बजे उनसे आखिरी बार बात हुई। बाद में ससुराल पक्ष से पता लगा कि उन्होंने जहर खा लिया है। वहीं, आज सुबह कमरे की चादर सही करने पर सुसाइड नोट मिला। इस नोट में पति ने बॉस पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है।
ये लिखा सुसाइड नोट में
विजयपाल ने जहर खाने से पहले सुसाइड नोट में काफी कुछ लिखा। उसमें लिखा था, मैं सुसाइड मेरी इच्छा से कर रहा हूं। मेरे मरने के बाद मेरे परिवार को कोई परेशान नहीं करे। भैया इस बात का ध्यान रखे कि मेरी वाइफ कंचन को ऑफिस से मुआवजा जरूर मिले। मैं एक साल से बहुत डिप्रेशन में हूं। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा कि मैं क्या करूं।
एक साल पहले हमारे ऑफिस में नया काम आया था। उसमें पूरा स्टाफ काम करता था, लेकिन 2 महीने बाद वहां चोरी हो गई। मैं अकेले पूरा गोदाम व ऑफिस संभालता था। मैंने कोई भी चोरी नहीं की। मैं 19 साल से कम कर रहा हूं। एक कील भी चोरी नहीं की, फिर भी उन लोगों ने मेरे ऊपर इल्जाम लगा दिया कि तू तो चोर है। विज्ञान नगर थाने में मुझे बहुत परेशान किया जाता था। एक साल से सुन-सुन कर मेरा दिमाग खराब हो रहा है। मैं नौकरी भी नहीं छोड़ सकता था, नहीं तो जो मैंने नहीं किया, वह मेरे ऊपर डाल देते लोग।
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