राजस्थान कांग्रेस में खटपट? गोविंद सिंह डोटासरा का पद बचेगा या बदलेगा
- अंदरखाने इस बात की चर्चा है कि राजस्थान कांग्रेस के संगठन में जल्द बदलाव होगा। विधानसभा चुनावों के नतीजों से यह तय हो गया है। ये उपचुनाव राजस्थान में कांग्रेस के भविष्य से जोड़कर भी देखा जा रहा है।
राजस्थान विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस को तगड़ा झटका लगा है। 7 में से मात्र एक सीट दौसा से कांग्रेस ने जीत हासिल की है। जबकि बीजेपी ने 5 और एक सीट पर बार पार्टी को जीत मिली है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि ये उपचुनाव राजस्थान में कांग्रेस के भविष्य से जोड़कर भी देखा जा रहा है। राजस्थान में कांग्रेस की कमान गोविंद सिंह डोटासरा के पास थी। विधानसभा चुनावों के नतीजों से यह तय हो गया है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि राजस्थान कांग्रेस में जल्द ही बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।
सूत्रों के अनुसार उपचुनाव के परिणाम के बाद खटपट हो सकती है। हालांकि, अभी किसी नेता का बयान सामने नहीं आया है, लेकिन माना यह जा रहा है कि देर सवेर बयानबाजी का दौर शुरू हो सकता है। जानकारों के मुताबिक डोटासरा को गहलोत कैंप के माना जाता है। पायलट की बगावत के बाद उन्हें राजस्थान कांग्रेस की कमान सौंपी गई थी। तब से वह अपने पद पर बने हुए है। माना जा रहा है कि पायलट कैंप हावी हो सकता है।
हालांकि, गोविंद सिंह डोटासरा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि लोकतंत्र की खूबसूरत जनता जनार्दन जीत दिलाती है। 12 माह पहले चुनाव में बीजेपी की सरकार बनी, लेकिन उस समय मंत्री बनाये गये उम्मीदवार को हराया। मुझे लगता है इस उपचुनाव में सरकार हारी है। बीजेपी की भले ही सीटें ज्यादा जीती हो. लेकिन कैबिनेट मंत्री को दौसा में जनता ने हराया, लेकिन फिर भी री काउंटिग के जरिए असफल प्रयास कर रहे हैं।
खींवसर में हमने छ माह पहले आरएलपी को वोट दिलवाये। इस कारण हम अच्छा परफॉर्म नहीं कर पाये। डोटासरा ने कहा कि झुंझुनूं और दौसा के परिणाम हमारे लिए चिंतनीय है। सांसद बनने के कारण हमने सांसदों को उम्मीदवार चयन में प्रमुखता थी। रामगढ़ में हमने बहुत अच्छा चुनाव लड़ा। अब हम आगे संगठन को कैसे मजबूत करें इस ओर काम करेंगे। बीजेपी के नेता जिस तरह के बयान दे रहे उन्हें दौसा देखना चाहिए।