वसुंधरा राजे को लेकर BJP के नेता क्यों दे रहे हैं बार-बार सफाई? कहीं ये वजह तो नहीं
- मुख्यमंत्री के लिए सबसे बड़ी परेशानी वसुंधरा राजे को लेकर है। दरअसल, पूर्व सीएम राजे उपचुनाव के मंच दूर है। बीजेपी नेता बार-बार वसुंधरा राजे की दूरी पर सफाई दे रहे हैं कि वह नाराज नहीं है।
राजस्थान विधानसभा की 7 सीटों पर उपचुनाव को लेकर चुनाव प्रचार चरम पर है, लेकिन उपचुनाव को लेकर सीएम भजनलाल शर्मा की घबराहट दिखाई दे रही है। जिन 7 सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं उनमें मात्र एक सीट सलूंबर में बीजेपी का कब्जा था। अन्य सीटों पर कांग्रेस और क्षेत्रिय दलों का कब्जा है, लेकिन इसके बावजूद सीएम भजनलाल की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। सियासी जानकारों का कहना है कि 7 में से 5 सीटों पर चुनाव हारने की स्थिति में विरोधी खेमा मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग कर सकता है जो अभी तक चुपी साधे हुए है।
राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के लिए सबसे बड़ी परेशानी वसुंधरा राजे को लेकर है। दरअसल, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे उपचुनाव के मंच दूरी बनाए हुए है।यहीं बीजेपी नेता बार-बार वसुंधरा राजे की दूरी पर सफाई दे रहे है। पहले बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने सफाई दी। इसके बाद प्रदेश प्रभारी राधा मोहन अग्रवाल ने हर मंच से सफाई दे रहे हैं। दोनों ही नेताओं का कहा है कि वसुंधरा राजे नाराज नहीं है। पार्टी की वरिष्ठ नेता है। पार्टी में उनकी भूमिका को कम नहीं आंका जा सकता है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि मदन राठौड़ और राधा मोहन अग्रवाल की बार-बार सफाई से जाहिर होता है कि बीजेपी में अंदरूनी हालत ठीक नहीं है। इसलिए वसुंधरा राजे को लेकर बीजेपी के नेता बार-बार सफाई दे रहे है। हालांकि, खुद वसुंधरा राजे और उनके समर्थकों ने फिलहाल चुप्पी साध रखी है। जानकारों का कहना है कि उपचुनाव के परिणाम से ही सीएम भजनलाल शर्मा का राजस्थान की राजनीति में सियासी कद तय होगा। जानकारों का कहना है कि सीएम विरोधी खेमा नहीं चाहता है कि वह मुख्यमंत्री बने रहे। लेकिन भजनलाल शर्मा पीएम मोदी की पहली पंसद है। ऐसे में विरोधी कैंप के नेता चुप्पी साधे हुए है।
राजस्थान में विधानसभा उपचुनाव के लिए 13 नवंबर को मतदान होना है। प्रचार में दूरी बनाए हुए पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र सिंह राठौड़ सक्रिय हो गए है। हालांकि, रणनीति के तहत राजेंद्र सिंह राठौड़ को कुछ सीटों के प्रचार से दूर रखा है। दूसरी तरफ पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया भी प्रचार के लिए दौरे कर रहे हैं। पूनिया ने अलवर जिले की रामगढ़ सीट पर प्रचार कर बीजेपी प्रत्याशी के लिए वोट मांगे है। लेकिन पूर्व सीएम वसुंधरा राजे दूरी बनाए हुए है। उल्लेखनीय है कि राजेंद्र राठौड़ और सतीश पूनिया को राजस्थान की राजनीति में वसुंधरा राजे का धुर विरोधी माना जाता है।