प्रदूषण रोकने के लिए बहरोड़ और नीमराना में निर्माण पर प्रतिबंध, वाहनों पर भी रोक
- दिल्ली - NCR में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए दो शहरों में ग्रेप-4 लागू किया गया है। कोटपूतली-बहरोड़ जिला प्रशासन ने नेशनल कैपिटल रीजन यानि एनसीआर में आने वाले बहरोड़ और नीमराना में प्रदूषण रोकने के लिए सख्त कदम उठाए गए है।
राजस्थान के बहरोड़ औऱ नीमराणा में निर्माण पर प्रतिबंध लगाया है। वहीं, प्रदूषण फैलाने वाहनों पर भी रोक लगा दी है। दिल्ली - NCR में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए दो शहरों में ग्रेप-4 लागू किया गया है। कोटपूतली-बहरोड़ जिला प्रशासन ने नेशनल कैपिटल रीजन यानि एनसीआर में आने वाले बहरोड़ और नीमराना में प्रदूषण रोकने के लिए सख्त कदम उठाए गए है।
उल्लेखनीय है कि नेशनल कैपिटल रीजन (NCR) में आने वाले राजस्थान के अलवर और भरतपुर जिले में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के चौथे चरण (GRAP 4) की पाबंदियां लागू कर दी गई हैं। राजस्थान पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने इस संबंध में हाल ही में आदेश जारी किए थे। इन दो शहरों में 3000 माइंस और इंडस्ट्रीज को बंद कर दिया है। साथ ही इन इलाकों में चल रहे निर्माण कार्य पर भी रोक लगा दी। इन पाबंदियों का असर यातायात पर भी पड़ने वाला है, क्योंकि ग्रैप-4 लागू होने के कारण भारी वाहन अब अलवर और भरतपुर में प्रवेश नहीं कर पाएंगे। हालांकि, आवश्यक सामग्री की आपूर्ति वाले वाहन इस नियम के दायरे से बाहर रहेंगे
जानिए ग्रैप 4 क्या है?
देश की राजधानी दिल्ली और एनसीआर के इलाकों में प्रदूषण कम करने के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान तैयार किया गया है। इस प्लान के 4 लेवल होते हैं। जब AQI 201 से 300 से बीच होता है तब ग्रेप-1 लागू होता है। इस दौरान धूल को नियंत्रित करने और खुले में कुछ भी जलाने पर प्रतिबंध जैसे उपाय किए जाते है। वहीं जब AQI 301 से 400 तक पहुंचने पर ग्रेप-2 लागू किया जाता है। इसमें सड़कों पर पानी का छिड़काव कराया जाता है। साथ ही डीजल जनरेटर चलाने पर प्रतिबंद लगा दिया जाता है। जब AQI 401 से 500 के बीच पहुंच जाता है, तब ग्रैप-3 लागू किया जाता है। इस दौरान निर्माण कार्य पर पूरी तरह से प्रतिबंध होता है।
खनन जैसे कार्य रोक दिए जाते है. बीएस3 गाड़ियों की एंट्री बंद हो जाती है। स्कूल क्लास ऑनलाइन कर दी जाती हैं। AQI लेवल 500 से ऊपर पहुंचने पर ग्रैप-4 लागू होता है। इसमें 10वीं और 12वीं के अलावा सभी क्लासेस ऑनलाइन कर दी जाती हैं। सरकारी व प्राइवेट ऑफिस में वर्क फ्रॉर्म होम लागू हो जाता है।