राजस्थान फोन टैपिंग मामले में आया बड़ा अपडेट, अशोक गहलोत की बढ़ेंगी मुश्किलें?
- राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी रहे शर्मा का दावा है कि गहलोत ने ही उन्हें साल 2020 के सियासी संकट के दौरान केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की कॉल रिकॉर्डिंग उपलब्ध कराई थी।
राजस्थान में साल 2020 में सियासी संकट के समय गहलोत सरकार में सामने आए फोन टैपिंग मामले में दिल्ली पुलिस की जांच आगे बढ़ रही है। मामले में पूर्व सीएम अशोक गहलोत के पूर्व ओएसडी लोकेश शर्मा से गुरुवार को दिल्ली पुलिस ने 5 घंटे तक पूछताछ की। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान सामने आए फोन टैपिंग मामले में बीते 3 अक्टूबर को लोकेश शर्मा ने दिल्ली क्राइम ब्रांच को सबूत सौंप दिए हैं।
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी रहे शर्मा का दावा है कि गहलोत ने ही उन्हें साल 2020 के सियासी संकट के दौरान केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की कॉल रिकॉर्डिंग उपलब्ध कराई थी। साथ ही इसे मीडिया में प्रसारित करने के लिए कहा था। गहलोत के पूर्व ओएसडी ने क्राइम ब्रांच को एक पेन ड्राइव, लैपटॉप और फोन सौंपा।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले 25 सितंबर को भी लोकेश शर्मा पूछताछ के लिए दिल्ली क्राइम ब्रांच के समक्ष उपस्थित हुए थे। पूछताछ के दौरान 7 पेज का बयान दर्ज किया गया। उन्होंने फोन टैपिंग की किसी भी बात से इनकार करते हुए कहा था कि इसके लिए जिम्मेदार पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हैं। उन्होंने 16 जुलाई 2020 को मुझे जो ऑडियो क्लिप दिए थे, वही मैंने मीडिया को दिए थे। साथ ही उन्होंने कहा था कि दिल्ली क्राइम ब्रांच को अशोक गहलोत से पूछताछ करनी चाहिए कि उन्होंने कानूनी रूप से या गैर कानूनी रूप से फोन टैप कैसे करवाए।
गहलोतके पूर्व ओएसडी लोकेश शर्मा के मुताबिक राजस्थान में सियासी संकट के वक्त अशोक गहलोत ने अपने खेमे और सचिन पायलट कैंप के विधायकों के फोन सर्विलांस पर लिए थे। रोजाना इस बात की जानकारी उनके पास आती थी कि किस विधायक ने किससे क्या बात की है। इसमें CM के सेक्रेटरी रहे कुलदीप रांका सहित कई बड़े अधिकारी भी शामिल थे।