अशोक गहलोत की इस योजना को सीएम भजनलाल ने किया बंद, 100 करोड़ की थी
- योजना के तहत 100 करोड़ रुपये खर्च होते थे। सड़के, सफाई और शिक्षा को लेकर खर्च होता था। इस संबंध में ग्रामीण विकास विभागने आदेश जारी कर दिए है।
राजस्थान में भजनलाल सरकार ने अशोक गहलोत की एक और योजना को बंद कर दिया है। योजना के तहत 100 करोड़ रुपये खर्च होते थे। सड़के, सफाई और शिक्षा को लेकर खर्च होता था। इस संबंध में ग्रामीण विकास विभागने आदेश जारी कर दिए है। उल्लेखनीय है कि गहलोत सरकार में साल 2022 में शुरू की गई मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना (सीएमएडी) को 1 अप्रैल 2025 से बंद कर दिया जाएगा। अधिकारियों के मुताबिक गहलोत की इस योजना की एवज में भजनलाल सरकार खुद नई योजना लाएगी।
उल्लेखनीय है कि सत्ता में आने के बाद भजनलाल सरकार अब तक करीब एक दर्जन योजनाएं बंद कर चुकी है। जबकि कई योजनाओं का नाम बदल दिया है। हालांकि, पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने सीएम भजनलाल शर्मा से मांग की थी कि भले ही योजनाओं का नाम बदल दीजिए, लेकिन बंद मत कीजिए। गहलोत का तर्क है कि ये सभी योजनाएं सामाजिक सरोकार से जुड़ी हुई है। गरीब लोगों को फायदा मिल रहा है।
भजनलाल सरकार ने चिरंजीवी स्वास्थ्य योजना का नाम बदलकर मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना कर दिया। इसके बाद इंदिरा रसोई योजना का नाम बदलकर अन्नपूर्णा रसोई, इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना का नाम बदलकर मुख्यमंत्री शहरी रोजगार गारंटी योजना, मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना का नाम बदलकर पन्नाधाय बाल गोपाल योजना, राजीव गांधी छात्रवृत्ति योजना का नाम बदलकर स्वामी विवेकानंद छात्रवृत्ति योजना, राजीव गांधी जल स्वावलंबन योजना का नाम बदलकर मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन योजना और मुख्यमंत्री वरिष्ठ नागरिक तीर्थ योजना का नाम बदलकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय वरिष्ठ नागरिक योजना किया गया। इसके अलावा इंदिरा महिला शक्ति उड़ान, इंदिरा महिला शक्ति जागरूकता शिक्षा कार्यक्रम और इंदिरा महिला एवं बाल विकास शोध संस्थान योजना को मर्ज करके कालीबाई भील संबल योजना नाम रखा गया।
खास बात ये है कि भजनलाल सरकार ने अब तक जिन योजनाओं के नाम बदले हैं। उनमें अधिकतर योजनाओं के नाम पूर्व पीएम इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के नाम पर रखे हुए थे।गहलोत राज में शुरू की गई अधिकतर योजनाओं के नाम गांधी परिवार से जुड़े हुए थे।