अशोक गहलोत की एक और योजना का नाम बदला, कांग्रेस बोली- महापाप
- शहरी क्षेत्र में रहने वाले परिवारों को हर साल 100 दिन का रोजगार उपलब्ध कराने वाली पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना का नाम बदला गया है।
राजस्थान में भजनलाल सरकार ने राज्य के शहरी क्षेत्र में संचालित इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना का नया नाम मुख्यमंत्री शहरी रोजगार गारंटी योजना किया गया है। इस संबंध में स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक कुमार पाल गौतम ने आदेश जारी किए। साथ ही मुख्यमंत्री शहरी रोजगार गारंटी योजना का नया लोगो भी जारी किया गया है। योजना का नाम बदलने पर पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए इसे महापाप बताया है।
शहरी क्षेत्र में रहने वाले परिवारों को हर साल 100 दिन का रोजगार उपलब्ध कराने वाली पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना का नाम बदला गया है। राजस्थान की बीजेपी सरकार ने अब इस योजना का नाम मुख्यमंत्री शहरी रोजगार गारंटी योजना किया है। योजना पर हर साल 800 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। हालांकि नाम के अलावा फिलहाल किसी तरह के काम में बदलाव नहीं किया गया है।
योजना के तहत 18 साल से 60 साल की उम्र वाले लोगों को जन आधार कार्ड पंजीयन कर 100 दिन का रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। इस योजना में कार्मिकों से सार्वजनिक स्थानों पर वृक्षारोपण, पार्कों का रखरखाव, फुटपाथ और डिवाइडर पर लगे पौधों पर पानी देने, कृषि विभाग के तहत नर्सरी तैयार करने जैसे काम दिए जाते हैं और इसका भुगतान 15 दिन के अंदर कार्मिकों के बैंक खातों में कर दिया जाता है।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की राजीव गांधी स्कॉलरशिप योजना, इंदिरा रसोई योजना, मुख्यमंत्री वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना, मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना और महिला एवं बाल विकास विभाग से जुड़ी 7 योजनाओं का नाम बदला जा चुका है।