हरियाणा को एक बूंद भी अतिरिक्त पानी नहीं देंगे, पंजाब विधानसभा में पेश हुआ प्रस्ताव
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पंजाब के रवैये को असंवैधानिक बताते हुए कहा कि यदि पंजाब अतिरिक्त पानी नहीं देगा, तो भाखड़ा बांध का अतिरिक्त पानी पाकिस्तान चला जाएगा।

पंजाब विधानसभा में सोमवार को जल संसाधन मंत्री बरिंदर कुमार गोयल ने एक अहम प्रस्ताव पेश किया। इस प्रस्ताव में उन्होंने कहा कि पंजाब अपने हिस्से का एक भी अतिरिक्त बूंद पानी हरियाणा को नहीं देगा। मंत्री ने कहा कि हरियाणा को मानवीय आधार पर जो 4000 क्यूसेक पानी पीने के लिए दिया जा रहा है, वह जारी रहेगा, लेकिन इसके अलावा पंजाब अपनी जल-हिस्सेदारी से कोई समझौता नहीं करेगा। बता दें कि विधानसभा का यह एक दिवसीय विशेष सत्र हरियाणा के साथ पानी के बंटवारे को लेकर विवाद पर चर्चा के लिए बुलाया गया है।
4,500 क्यूसेक अतिरिक्त पानी देने से इनकार
सत्र में 30 अप्रैल को भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) द्वारा जारी किए गए आदेश पर चर्चा हुई। इस आदेश में पंजाब से हरियाणा को कुल 8,500 क्यूसेक अतिरिक्त पानी देने के लिए कहा गया है। पंजाब जहां पड़ोसी राज्य को भाखड़ा बांध से 4,000 क्यूसेक अतिरिक्त पानी दे रहा था, वहीं राज्य ने हरियाणा की 4,500 क्यूसेक अतिरिक्त पानी देने की मांग को मानने से इनकार कर दिया है। राज्य के सभी विपक्षी राजनीतिक दलों ने इस मुद्दे पर सत्तारूढ़ पार्टी आम आदमी पार्टी का समर्थन किया है।
पंजाब सरकार के प्रस्ताव में डैम सेफ्टी एक्ट 2021 को भी सख्ती से खारिज किया गया और इसे पंजाब के अधिकारों पर ‘हमला’ करार दिया गया। मंत्री गोयल ने कहा, "यह कानून केंद्र सरकार को यह अधिकार देता है कि वह राज्यों की सीमाओं के भीतर मौजूद बांधों और नदियों पर सीधा नियंत्रण रख सके। यह भारत के संघीय ढांचे के खिलाफ है और राज्यों की संप्रभुता का उल्लंघन करता है। इसलिए यह सदन केंद्र सरकार से मांग करता है कि इस अधिनियम को तुरंत निरस्त किया जाए और पंजाब सरकार इसे पूरी तरह से खारिज करती है।"
पंजाब की बात नहीं सुनी जा रही- मान सरकार
प्रस्ताव में भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड की बैठक को भी अवैध और असंवैधानिक बताया गया। मंत्री ने आरोप लगाया कि BBMB अब केंद्र की भाजपा सरकार की ‘कठपुतली’ बन चुका है। पंजाब सरकार का कहना है कि BBMB की बैठकों में न तो पंजाब की बात सुनी जा रही है और न ही उसके अधिकारों का ध्यान रखा जा रहा है। इसलिए बीबीएमबी का पुनर्गठन किया जाना चाहिए ताकि पंजाब के अधिकारों की रक्षा हो सके।
पंजाब और हरियाणा के बीच जल बंटवारे के मुद्दे ने उस समय तूल पकड़ लिया, जब आम आदमी पार्टी (आप) नीत पंजाब सरकार ने पड़ोसी राज्य को अतिरिक्त पानी देने से इनकार कर दिया। दूसरी ओर, हरियाणा में नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाली सरकार ने पानी में राज्य की हिस्सेदारी सुनिश्चित करने का संकल्प लिया है। पंजाब सरकार का कहना है कि हरियाणा ने मार्च तक आवंटित पानी का 103 प्रतिशत उपयोग कर लिया है।
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