नाग अश्विन के निर्देशन में बनी फिल्म कल्कि 2898 एडी कमाई के मामले में आए दिन नए रिकॉर्ड बना रही है। जहां एक तरफ फिल्म को लेकर काफी हाइप बनाया गया है वहीं एक बड़ा तबका इस फिल्म से नाखुश है। तो चलिए जानते हैं वो 7 वजहें जिनके चलते इस फिल्म को नासपसंद किया जा रहा है और जिनकी वजह से आप इस फिल्म को अवॉइड कर सकते हैं।
फिल्म का पेस इतना ज्यादा धीमा है कि कई बार लगता है कि कहानी जितने वक्त में सुनाई गई इसे उससे काफी कम वक्त में खत्म किया जा सकता था। कुछ वीएफक्स वाले सीन (खासकर महाभारत युद्ध के) को छोड़कर फिल्म खास मजा नहीं दे पाती है।
फिल्म का पहला हाफ वाकई काफी बोरिंग लगता है। कई सीन जबरन खींचे गए मालूम देते हैं और प्रभास के फाइट सीन कुछ मिनट के बाद बेमजा लगते हैं। ऐसे में अगर आप प्रभास फैन नहीं हैं तो मुमकिन है कि फिल्म आपको खास मजा ना दे।
किसी फिल्म का टाइट स्क्रीन प्ले ऐसा समां बांधता है कि देखने वाले को मालूम नहीं चलता कि इंटरवल कब हो गया। प्रभास की फिल्म का फर्स्ट हाफ काफी प्रेडिक्टेबल हो जाता है और कई सीन्स बोरिंग लगने लगते हैं।
फिल्म में कई सारे कैरेक्टर्स की गेस्ट अपीयरेंस थी। लेकिन जिस तरह राजामौली से लेकर राम गोपाल वर्मा तक कई एक्टर्स को फिल्म में लाया गया, वैसा जादू सीन्स में दिखता नहीं है। अमिताभ और दीपिका ही स्क्रीन पर नजर रोक पाए।
बहुत से लोग फिल्म सिर्फ इसलिए देखने गए थे क्योंकि इसकी कहानी कल्कि अवतार और महाभारत काल से जोड़ी गई है, लेकिन जो महाभारत की कहानी को अच्छी तरह समझते हैं उन्हें फिल्म वास्तविक महाभारत से काफी डिसकनेक्टेड लगी।
फिल्म क्योंकि आपको बांधे रखने में पूरी तरह नाकाम रहती है, तो ऐसे में ढीला स्क्रीनप्ले और बहुत लंबा स्क्रीन टाइम आपको अपने आप से यह सवाल पूछने पर मजबूर कर देता है कि यह फिल्म कम खत्म होगी।
कई दर्शकों को लगा कि नाग अश्विन फिल्म की भूमिका बनाने में काफी वक्त ले गए। अब ऐसा उन्होंने दूसरा पार्ट लाने की कोशिश में जान बूझकर किया या फिर इसके पीछे उनकी ही नाकामी थी यह कहना मुश्किल है।