इस बात का ध्यान रखें कि घर का मंदिर पूर्व दिशा में बनवाएं, इससे घर में पॉजिटिव एनर्जी बनी रहती है। कहा जाता है कि अगर मंदिर को सही दिशा में नहीं बनवाया जाए तो कई परिवार में लड़ाई- झगड़े आदि होते हैं।
वास्तुशास्त्र में आपके घर में पॉजिटिव एनर्जी लाने के लिए कई नियम बताए गए हैं। घर-मकान से जुड़े दोष आपको आर्थिक तौर पर भी और हेल्थ के मामले में भी प्रभावित करते हैं। यहां जानें वास्तु के हिसाब से घर में किन दोषों को बताया गया है।
शौचालय का पूर्वोत्तर दिशा में होने से सबसे पॉजिटिव एनर्जी में नेगेटिव एनर्जी का स्टोर होती है। जिसकी वजह से बार-बार बीमारियां होती हैं। इससे लंबी बीमारियां बनी रहती है। इससे बचाव के लिए शौचालय को वायव्य कोण में बनाएं।
पूजा घर दक्षिण दिशा में, टॉयलेट से लगा, सीढ़ियों के नीचे बना हो, तो अशांति रहती है। पूजा घर उत्तर पूर्व दिशा में बनाएं।
रसोई उत्तर पूर्व या उत्तर में होना। इससे अग्नि तत्व का जल तत्व से टकराव होता है, पाचन समस्याएं एवं पारिवारिक कलह होती हैं। रसोई को अग्नि कोण में बनाएं।
ऐसे में अगर आपके घर का मुख्य द्वार दक्षिण दिशा में है तो इससे आपके घर में हमेशा ही वास्तु दोष बना रह सकता है। इसलिए घर का मुख्य दरवाजा कभी भी दक्षिण दिशा में न बनवाएं।