Hindi Newsदेश न्यूज़Kolkata court sentences Sanjay Roy to life in prison in rape, killing of trainee doctor in RG Kar Medical Hospital

रुद्राक्ष की माला क्यों नहीं टूटी, कोलकाता केस में सजा सुनाए जाने से पहले संजय रॉय ने जज से क्यों कहा ऐसा

सजा सुनाने से पहले जज अनिर्बान दास ने संजय रॉय से कहा कि मैंने तुम्हें पहले ही बताया था कि तुम पर लगाए गए बलात्कार और हत्या के आरोप साबित हो चुके हैं। इसलिए अदालत तुम्हें आज सजा सुनाने जा रही है।

Pramod Praveen लाइव हिन्दुस्तान, कोलकाताMon, 20 Jan 2025 03:58 PM
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कोलकाता के चर्चित आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में ट्रेनी डॉक्टर के रेप एंड मर्डर केस में सियालदह की एक सत्र अदालत ने मामले में दोषी करार दिए गए अभियुक्त संजय रॉय को आज (सोमवार, 20 जनवरी को) आजीवन कारावास की सजा सुनायी है। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिर्बान दास ने केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) दायर अभियोग पत्र पर प्रस्तुत साक्ष्यों और गवाहों के बयान और बचाव पक्ष की दलीलों को सुनने के बाद रॉय को दोषी करार दिया था। आज इस मामले में सजा सुनाई गई। उसे भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 64, 66 और 103 (1) के तहत दोषी पाया गया था। इन धाराओं के तहत दोषी को अधिकतम उम्रकैद या फांसी देने का प्रावधान है।

जिला अदालत में सजा सुनाने से पहले जज अनिर्बान दास ने संजय रॉय से कहा, "मैंने तुम्हें पहले ही बताया था कि तुम पर लगाए गए बलात्कार और हत्या के आरोप साबित हो चुके हैं। इसलिए अदालत तुम्हें आज सजा सुनाने जा रही है।" तभी संजय रॉय ने जज से कहा, "मुझे इस मामले में जानबूझकर फंसाया गया है। मैंने अपराध नहीं किया है। मैं हमेशा रुद्राक्ष की माला पहनता हूं। अगर मैंने अपराध किया होता तो अपराध स्थल पर झड़प में मेरी माला टूटकर बिखर गई होती लेकिन ना तो ऐसा हुआ और न ही मुझे पूछताछ और जांच के दौरान बोलने दिया गया। मुझे मारा-पीटा गया।" संजय रॉय ने कहा कि पुलिस वालों ने कई कागजों पर जबरदस्ती दस्तखत करवा लिए थे।

इससे पहले सीबीआई के वकील ने अदालत से इस जघन्य अपराध के लिए आरोपी को फांसी की सजा देने की दलील दी लेकिन अदालत ने इसे जघन्यतम अपराध नहीं मानते हुए संजय रॉय को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। करीब पौने तीन बजे इस मामले में फैसला सुनाते हुए जज दास ने संजय रॉय को उम्रकैद और 50 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई । सीबीआई ने इसे रेसरेस्ट ऑफ द रेयर मामला बताते हुए दोषी को मौत की सजा दिये जाने की अपील की थी, लेकिन अदालत ने कहा कि यह ऐसा मामला नहीं है। हालांकि, सरकारी पक्ष के वकील ने कहा है कि अदालत ने संजय रॉय को मरते दम तक उम्रकैद की सजा सुनाई है।

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अदालत ने राज्य सरकार को मृतक प्रशिक्षु चिकित्सक के परिवार को क्षतिपूर्ति के रूप में 17 लाख रुपये देने का भी आदेश दिया है। पीड़िता प्रशिक्षु स्नातकोत्तर की द्वितीय वर्ष की छात्रा थी और अस्पताल में प्रशिक्षु रेजिडेंट डॉक्टर के रूप में कार्यरत थी। पिछले साल 9 अगस्त को रात्रि ड्यूटी में नागरिकों की सहायता के रूप में स्वयं सेवी के रूप में कार्यरत संजय रॉय ने एक कक्ष में अकेले पाकर पीड़िता चिकित्सक के साथ दुष्कर्म किया और जघन्य तरीके से उसकी हत्या कर दी थी। इसके विरोध में कोलकाता से देशभर में विरोध प्रदर्शन हुए थे। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की जांच कोलकाता पुलिस से लेकर सीबीआई को सौंप दी थी। (एजेंसी इनपुट्स के साथ)

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