वास्तु शास्त्र में दक्षिण मुखी घर को शुभ नहीं माना गया है। मान्यता है कि दक्षिण दिशा यमराज की होती है। वास्तु के अनुसार, दक्षिण मुखी घर के कारण व्यक्ति को मानसिक व शारीरिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अगर आप दक्षिण मुखी घर बनवा रहे हैं तो, वास्तु के कुछ नियमों का ध्यान रखना चाहिए। जानें वास्तु एक्सपर्ट मुकुल रस्तोगी से दक्षिण मुखी घर बनवाते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए-
वास्तु के अनुसार, दक्षिण मुखी घर के लिए दरवाजे की चौखट के नीचे एक चांदी का पत्तर लगाना शुभ होता है।
वास्तु के अनुसार, दक्षिण मुखी घर बनवाते समय दक्षिण दिशा में काला और नीला रंग करवाना शुभ नहीं होता है।
वास्तु के अनुसार, इस दिशा में घर बनाने में सबसे बड़ी समस्या बोरिंग या सेप्टिक टैंक की होती है। वो यहां पर बिल्कुल भी नहीं बनाना चाहिए।
वास्तु के अनुसार, दक्षिण मुखी घर को बनवाते समय मुख्य द्वार पर दहलीज जरूरी बनानी चाहिए। कोशिश करनी चाहिए कि इस दिशा में खिड़की नहीं बनाएं। अगर बनानी ही पड़े तो कम और छोटी बनाएं।
वास्तु एक्सपर्ट के अनुसार, दक्षिण मुखी घर को बनवाते समय दक्षिण दिशा के नौ भाग कर लेने चाहिए। बीच के चौथे या तीसरे भाग में मुख्य द्वार रखना चाहिए।