Hindi Newsएनसीआर न्यूज़supreme court not to relax grap 4 restrictions unless aqi downward trend

ट्रकों को रोकने के लिए कितने अफसर लगाए? दिल्ली सरकार से सुप्रीम कोर्ट, राहतों पर रखी 'शर्त'

सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि ग्रैप-4 की पाबंदियों में राहत तभी दी जाएगी जब पलूशन में कमी का ट्रेंड नजर आएगा। इसके साथ ही ग्रैप-4 की पाबंदियों के कड़ाई से अनुपालन के मसले पर तीखे सवाल भी पूछे…

Krishna Bihari Singh पीटीआई, नई दिल्लीMon, 2 Dec 2024 04:09 PM
share Share
Follow Us on
ट्रकों को रोकने के लिए कितने अफसर लगाए? दिल्ली सरकार से सुप्रीम कोर्ट, राहतों पर रखी 'शर्त'

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को ग्रैप-4 के तहत आपातकालीन उपायों में तब तक ढील देने से इनकार कर दिया जब तक कि उसे AQI स्तर में गिरावट का रुझान नहीं दिखाई देता। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया कि ग्रैप-4 की पाबंदियों में राहत तभी दी जाएगी जब पलूशन में कमी आएगी। इसके साथ ही अदालत ने ग्रैप-4 की पाबंदियों को सख्ती से लागू कराने में कथित विफलता पर नाराजगी जताई। सर्वोच्च अदालत ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए ग्रैप-4 की पाबंदियों को कड़ाई से लागू कराने की दिशा में शायद ही कोई कार्यान्वयन हो रहा है।

इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा कि ग्रैप-4 के तहत लगाए गए प्रतिबंधों को लागू करने, खास तौर पर ट्रकों को राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने से रोकने के लिए कितने अधिकारी तैनात किए गए हैं। इस पर दिल्ली सरकार ने कहा कि 2-3 घटनाओं के आधार पर यह नहीं कहा जा सकता कि 1.5 करोड़ की आबादी वाला पूरा शहर नियमों का पालन नहीं कर रहा है। दिल्ली सरकार ने यह भी कहा कि फिर भी वह ग्रैप-4 प्रतिबंधों का पालन कड़ाई से नहीं कराए जाने के आरोपों की जांच करेगी।

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान साफ कर दिया कि ग्रैप-4 के प्रतिबंधों में ढील देने से पहले प्रदूषण में कमी आनी चाहिए। सर्वोच्च अदालत को CAQM की ओर से सूचित किया गया है कि जब तक लगातार गिरावट का रुझान नहीं होता तब तक वह प्रतिबंधों को कम करने की अनुमति नहीं देगा। हालांकि CAQM ने शीर्ष अदालत से ग्रैप-4 से ग्रैप-2 तक के उपायों को कम करने का अनुरोध किया क्योंकि 1 दिसंबर को AQI 285 अंक रिकॉर्ड किया गया।

इसके साथ ही जस्टिस अभय एस. ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने NCR राज्यों के मुख्य सचिवों को पेश होने और यह बताने को कहा कि ग्रैप-4 की पाबंदियों के कारण बेरोजगार हुए निर्माण श्रमिकों को कोई मुआवजा दिया गया है या नहीं। पीठ ने कहा कि दिल्ली, हरियाणा, यूपी और राजस्थान समेत एनसीआर राज्यों के मुख्य सचिवों को 5 दिसंबर को दोपहर 3.30 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश होकर इस पर जवाब देना होगा। इसके साथ ही अगली तारीख पांच दिसंबर दी गई है।

अगला लेखऐप पर पढ़ें