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हवा में नहीं केजरीवाल की नीयत में है प्रदूषण, AAP के पास पलूशन है सलूशन नहीं- भाजपा

आम आदमी पार्टी पर निशाना साधते हुए संबित पात्रा ने कहा कि राहुल गांधी तो आलू से सोना बना रहे थे लेकिन केजरीवाल जी पराली से सोना बना रहे हैं। केजरीवाल जी कहते हैं कि पराली से गत्ता और बिजली बनती है।

Devesh Mishra वार्ता, नई दिल्लीFri, 4 Nov 2022 05:41 PM
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दिल्ली में एमसीडी चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है। इसी के साथ दिल्ली की राजनीतिक चहलकदमी और बढ़ गई है। केंद्र सरकार प्रदूषण के मुद्दे को लेकर आम आदमी पार्टी को घेर रही है। वहीं केजरीवाल सरकार का कहना है कि इस पलूशन के लिए भारतीय जनता पार्टी जिम्मेदार है। भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि केजरीवाल की नीयत में प्रदूषण है। उन्होंने कहा कि पूरी दिल्ली प्रदूषण से घिरी हुई है और केजरीवाल इससे अवैध कमाई में लिप्त हैं। पात्रा ने केजरीवाल पर आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली में प्रदूषण केवल हवा या पानी में नहीं है, अरविंद केजरीवाल की नीयत में भी प्रदूषण है।

केजरीवाल के पास केवल पॉल्यूशन है सॉल्यूशन नहीं
आम आदमी पार्टी पर निशाना साधते हुए संबित पात्रा ने कहा कि राहुल गांधी तो आलू से सोना बना रहे थे लेकिन केजरीवाल जी पराली से सोना बना रहे हैं। केजरीवाल जी कहते हैं कि पराली से गत्ता बनता है, बिजली बनती है। इसके लिए पंजाब में रेडिमेड फैक्ट्री तैयार है। केजरीवाल के पास केवल पॉल्यूशन है, सॉल्यूशन नहीं है।

पंजाब सीएम पर साधा निशाना
संबित पात्रा ने कहा कि पंजाब में पराली जलाने के मामलों में 35 फीसदी इजाफा हुआ है और आम आदमी पार्टी की सरकार श्रमिकों को 5000 रुपए देने वाली योजना में पराली जलाने वाले श्रमिकों का फर्जी पंजीकरण करके भ्रष्टाचार में जुटी है। भाजपा प्रवक्ता ने पंजाब की आप सरकार पर भी निशाना साधा और कहा कि पंजाब में इस बार पराली जलने के मामलों में 35 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।

बता दें कि भाजपा ने तीन एनजीओ के आंकड़ों का हवाला देते हुए दावा किया कि दिल्ली में मजदूरों के मदद के नाम पर फर्जीवाड़ा किया गया है। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि राजधानी में दो लाख फर्जी निर्माण श्रमिकों का पंजीकरण हुआ है। उन्होंने कहा कि निर्माण श्रमिकों के लिए काम करने वाले तीन गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) ने दिल्ली में श्रमिकों के पंजीकरण में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। जांच में खुलासा हुआ है कि दिल्ली में दो लाख फर्जी निर्माण श्रमिकों का पंजीकरण हुआ है। 65,000 के नाम पर एक ही मोबाइल नंबर दर्ज हैं।

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