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सिगरेट पर लगी लार की जांच, दोस्त ने खोले राज; गाजियाबाद में सात लोगों की हत्या में नौ साल के बाद मिला न्याय

सात लोगों की हत्या के मामले के आरोपी को दोषी ठहराए जाने के बाद पीड़ित के रिश्तेदार भावुक हो गए। कारोबारी के बेटी-दामाद ने कहा कि सात कत्ल की सजा क्या होनी चाहिए, यह अदालत ही तय करे।

सिगरेट पर लगी लार की जांच, दोस्त ने खोले राज; गाजियाबाद में सात लोगों की हत्या में नौ साल के बाद मिला न्याय
Vishva Gaurav हिंदुस्तान, अमरेंद्र कुमार, गाजियाबाद।Sun, 31 July 2022 02:16 AM
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गाजियाबाद के घंटाघर नई बस्ती में 21 मई 2013 की रात को हुए नरसंहार के आरोपी को गिरफ्तार करने से ज्यादा पुलिस के सामने उसे दोषी साबित करने की चुनौती थी। ब्लाइंड मर्डर का कोई भी चश्मदीद न होने के चलते यह चुनौती और भी बढ़ गई।

नगर कोतवाली पुलिस के साथ-साथ जिले की एसओजी टीम को भी घटना के खुलासे में लगाया गया था। पुलिस ने घटना की कड़ी से कड़ी जोड़ी तो सतीशचंद गोयल का पूर्व चालक रडार पर आया। करीब 23 घंटे बाद पुलिस को सफलता मिली और रेलवे स्टेशन के पास से राहुल वर्मा को गिरफ्तार कर लिया। साक्ष्य संकलन, गवाहों के बयान और फोरेंसिक जांच रिपोर्ट को आधार बनाते हुए अभियोजन पक्ष ने मजबूत पैरवी की। इसके चलते नौ साल, दो माह और दो दिन बाद आरोपी पर सामूहिक हत्याकांड का दोष सिद्ध हो सका।

22 मई की सुबह सनसनीखेज हत्याकांड का पता लगा, जब किडनी की बीमारी से त्रस्त सतीश चंद गोयल को इंजेक्शन लगाने के लिए कंपाउंडर उनके घर आया। उसी दिन नगर कोतवाल एलएस मौर्य को निलंबित कर इंस्पेक्टर गोरखनाथ यादव को जिम्मेदारी दी गई। उन्होंने अगस्त 2013 में हत्याकांड को लेकर राहुल वर्मा के खिलाफ करीब 40 पन्नों की चार्जशीट पेश की। इसके बाद नवंबर 2013 से मामला ट्रायल पर आया। इस अवधि में अभियोजन पक्ष की तरफ से 28 गवाह पेश किए गए।

यूं पुलिस पर कहानी पर लगी मुहर
इसमें कातिल राहुल के दोस्त प्रशांत श्रीवास्तव की गवाही अहम रही, जबकि केस की पैरवी मृतक कारोबारी के दामाद सतीश मित्तल ने की। पुलिस ने घटना का खुलासा करते हुए राहुल वर्मा को गिरफ्तार किया था। 24 वर्षीय राहुल ने ही एक ही परिवार के सात लोगों को मौत के घाट उतार दिया, यह कहानी खुलासे के कई वर्ष बाद भी लोगों के गले नहीं उतर रही थी, लेकिन एक के बाद एक गवाही, साक्ष्यों का प्रस्तुतिकरण और फॉरेंसिक जांच राहुल वर्मा पर हत्याकांड की मुहर लगाती गई। आखिरकार पुलिस की कहानी अदालत में सही साबित हुई।

फॉरेंसिक रिपोर्ट दोषी ठहराने में अहम रही
हत्याकांड के कातिल को अदालत में दोषी ठहराने में विधि विज्ञान प्रयोगशाला की फॉरेंसिक रिपोर्ट अहम साबित हुई। फॉरेंसिक टीम द्वारा घटनास्थल से एकत्रित किए साक्ष्यों की रिपोर्ट के आधार पर इस ब्लाइंड मर्डर के कातिल पर आरोप सिद्ध हो सका। जिला शासकीय अधिवक्ता राजेश चंद्र शर्मा ने बताया कि हत्याकांड के बाद फॉरेंसिक टीम ने दोनों मंजिल पर बेड शीट और फर्श पर से खून के सैंपल लिए थे।

खून के धब्बे का मिलान
राहुल वर्मा के गमछे व जूते पर खून के धब्बे मिले थे। यह धब्बे मृतक कारोबारी सचिन गोयल और उनकी माता मंजू गोयल के खून के थे। फोरेंसिक जांच में इसकी पुष्टि हुई। इसके अलावा जूते के पद चिन्ह से भी राहुल वर्मा के द्वारा पहने जूते का मिलान हो गया था। यह सारी चीजें कातिल को दोषी ठहराने में अहम साबित हुईं।

सिगरेट पर लगी थी लार
शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि घटनास्थल से सिगरेट के टुकड़े बरामद हुए थे। उन्हें भी फॉरेंसिक टीम ने जांच के लिए भेजा था। उसकी रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि सिगरेट पर लगी लार राहुल वर्मा की थी। इस अहम सुराग ने भी कातिल को दोषी ठहराने में मदद की।

एक ही हथियार का प्रयोग
हत्याकांड के बाद सभी शवों का पोस्टमार्टम कराया गया था। पोस्टमार्टम के लिए डॉक्टरों का पैनल गठित किया गया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया कि सातों लोगों की हत्या में एक ही हथियार का इस्तेमाल किया गया। चाकू से सभी लोगों की गर्दन रेती गई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सभी मृतकों के घाव का साइज भी बराबर आया था।

दोस्त ने खोला हत्या का राज, गवाह भी बना
लोहिया नगर निवासी प्रशांत श्रीवास्तव हत्यारे राहुल का दोस्त था। हत्याकांड को अंजाम देने से पहले राहुल ने प्रशांत से कहा था कि आज रात लूट करेंगे, जिसमें 25 से 30 लाख रुपये मिल सकते हैं। लेकिन प्रशांत घटना वाली रात इलाहाबाद जाने की बात कहकर घटना में शामिल होने से मना कर दिया। राहुल से पूछताछ में प्रशांत का जिक्र हुआ तो पुलिस उसके पास पहुंची। उसी ने घटना का राज खोला। पुलिस ने उसे सरकारी गवाह बनाया।

घटना से चंद घंटे पहले ही खरीदा था चाकू
राहुल वर्मा की गिरफ्तारी के दो दिन बाद पुलिस ने उसे रिमांड पर लिया। इस दौरान उसकी निशानदेही पर पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त आलाकत्ल चाकू बरामद किया। पूछताछ में पता चला कि राहुल ने घटना वाले दिन 21 मई को ही डासना गेट बाजार से चाकू खरीदा था। पुलिस ने चाकू विक्रेता से आलाकत्ल की शिनाख्त कराई थी। विक्रेता ने बताया कि उसने राहुल को यह चाकू 80 रुपये में बेचा था।

अदालत ही तय करे सात खून की सजा: सचिन
नई बस्ती में सात लोगों की हत्या के मामले के आरोपी को दोषी ठहराए जाने के बाद पीड़ित के रिश्तेदार भावुक हो गए। कारोबारी के बेटी-दामाद ने कहा कि सात कत्ल की सजा क्या होनी चाहिए, यह अदालत ही तय करे।

सतीश चंद गोयल और उनके परिवार की हत्या के मामले में उनके दामाद सचिन मित्तल ने कोर्ट में पैरवी की। हर तारीख पर वह शिद्दत के साथ पेश होते थे। शनिवार को भी सुनवाई के दौरान सचिन मित्तल अपने दोस्तों के साथ कोर्ट के बाहर खड़े रहे। कोर्ट द्वारा राहुल को सातों हत्याओं का दोषी ठहराने के बाद उन्होंने मीडिया से बात करने हुए कहा कि सात लोगों की नृशंस हत्या कर दी गई। ऐसे में अदालत ही हत्यारे की सजा मुकर्रर करे। उनकी पत्नी शैली ने कहा कि सात हत्या के बदले में उसे फांसी से कम सजा मंजूर नहीं है।

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