Delhi Earthquake: दिल्ली में बार-बार क्यों डोलती है धरती? NCR में भूकंप का ज्यादा खतरा! समझिए
Earthquake in Delhi- NCR: दिल्ली भूकंपीय क्षेत्रों के जोन- 4 में आता है। इसका मतलब यह हुआ कि दिल्ली भूकंप का एक भी बहुत तेज झटका बर्दाश्त नहीं कर पाएगा। धरती के नीचे कुल 7 टेक्टॉनिक प्लेट्स हैं।
Delhi- NCR Earthquake: राजधानी दिल्ली की धरती रविवार को डोलने लगी। भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। सिर्फ दिल्ली ही नहीं, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद और गुरुग्राम में भी भूकंप के बाद अफरा-तफरी मच गई। इस भूकंप का केंद्र फरीदाबाद के पास था जिसकी तीव्रता 3.1 थी। कुछ ही दिनों पहले, 3 अक्टूबर को भी दिल्ली की धरती कांप गई थी। तब भूकंप की तीव्रता 6.2 मापी गई थी। झटके इतने तेज थे लोग अपने घरों और ऑफिसों से बाहर निकल गए थे। ऐसे में यह सवाल उठता है कि दिल्ली में बार-बार भूकंप क्यों आता है? क्या भविष्य में इससे कोई खतरा भी हो सकता है?
बार-बार क्यों डोलती है धरती?
राजधानी दिल्ली भूकंपीय क्षेत्रों के जोन- 4 में आता है। इसका मतलब यह हुआ कि दिल्ली भूकंप का एक भी बहुत तेज झटका बर्दाश्त नहीं कर पाएगा। धरती के नीचे कुल 7 टेक्टॉनिक प्लेट्स हैं। ये सभी प्लेट्स लगातार घूमती रहती हैं। इन प्लेट्स में जब असंतुलन होता या प्लेटों में दरारें आती तो भूकंप जन्म लेता है। पहाड़ों के खिसकने या दरकने से भी भूकंप आता है। दिल्ली हिमालय पर्वत के निकट है। ऐसे में यहां भूकंप की आशंका बढ़ जाती है।
NCR में भूकंप का ज्यादा खतरा!
दिल्ली और एनसीआर का इलाका सोहना, दिल्ली-मुरादाबाद और मथुरा फॉल्ट लाइन पर है। इसमें लगातार धरती के अंदर हलचल होती रहती है। यानी दिल्ली- एनसीआर का इलाका कुल तीन फॉल्ट लाइन पर है। ऊपर से ये भूकंप के जोन- 4 में आता है। इसी वजह से यहां बार-बार भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं। और भूकंप का खतरा भी हमेशा बना रहता है।
क्या आ सकता है कोई बड़ा खतरा?
नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (NCS) की मानें तो दिल्ली- एनसीआर में खतरनाक भूकंप की आशंका बहुत कम है। लेकिन तीन फॉल्ट लाइन पर होने के कारण कम तीव्रता वाला भूकंप भी खतरनाक साबित हो सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि दिल्ली में बड़ी-बड़ी इमारतें हैं। इसके अलावा कई मोहल्लों की गलियां काफी तंग हैं। ऐसे में भूकंप के झटकों से अफरा-तफरी मच जाती है। रविवार को 3.1 तीव्रता का भूकंप आया। वहीं 3 अक्टूबर को और तेज झटके महसूस किए गए थे।