Hindi Newsएनसीआर न्यूज़Delhi High Court will decide whether parents will have right on semen sample deposited in hospital after death of unmarried son

अविवाहित बेटे की मौत के बाद अस्पताल में जमा वीर्य के नमूने पर माता-पिता का हक होगा या नहीं, दिल्ली हाईकोर्ट करेगा तय

अविवाहित बेटे की मौत के बाद उसके वीर्य (स्पर्म) पर उसके माता-पिता का अधिकार है या नहीं, इस बारे में दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। हाईकोर्ट ने एक मृत युवक के...

Praveen Sharma नई दिल्ली। प्रभात कुमार, Sat, 5 Feb 2022 02:13 PM
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अविवाहित बेटे की मौत के बाद उसके वीर्य (स्पर्म) पर उसके माता-पिता का अधिकार है या नहीं, इस बारे में दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। हाईकोर्ट ने एक मृत युवक के माता-पिता की ओर से दाखिल याचिका पर यह आदेश दिया है। याचिका में मृतक के माता-पिता ने सर गंगाराम अस्पताल में उनके बेटे के संरक्षित वीर्य के नमूने की मांग की है।

जस्टिस वी. कामेश्वर राव ने हाल ही में सरकार और गंगाराम हॉस्पिटल को नोटिस जारी कर अपना-अपना पक्ष रखने को कहा है। याचिकार्ताओं ने कहा है कि उनके अविवाहित बेटे की मौत के बाद सर गंगाराम अस्पतल में उसके वीर्य का नमूना संरक्षित है, लेकिन अस्पताल प्रबंधन उसे यह नहीं दे रहा है। उन्होंने याचिका में कहा कि बेटे की मौत के बाद, वे उसकी शेष ‘शारीरिक संपत्ति’ का एकमात्र दावेदार है, ऐसे में अस्पताल द्वारा उन्हें उनके बेटे के संरक्षित वीर्य के नमूने नहीं देना उनके अधिकारों का उल्लंघन है।

याचिका में सवाल उठाया गया है कि अविवाहित बेटे के वीर्य के नमूने पर किसका अधिकार है। हाईकोर्ट ने सभी पहलुओं पर सरकार को अपना जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने सभी पक्षकारों को 13 मई तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।

मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ वकील दिनेश कुमार गोस्वामी ने हाईकोर्ट को बताया कि अस्पताल में जमा नमूने पर उनके मुवक्किल का हक है, जबकि दूसरी तरफ अस्पताल प्रबंधन की ओर से वकील सुभाष कुमार ने कोर्ट को बताया कि जीवित व्यक्ति की अनुमति से वीर्य के नमूने संरक्षित रखे गए थे, लेकिन उसकी मौत के बाद अब कानूनी अधिकार की स्थिति बदल गई है।

यह है मामला

याचिका के अनुसार, गुरविंदर सिंह के 30 साल के बेटे की कैंसर की बीमारी से सितंबर, 2020 में मौत हो गई थी। याचिका में कहा गया है कि इलाज के दौरान डॉक्टरों ने कहा था कि इलाज में अपनाई जा रही प्रक्रिया से मरीज की प्रजनन की क्षमता खत्म हो सकती है। इसके बाद जून, 2020 में युवक के वीर्य के नमूने को सर गंगाराम अस्पताल की आईवीएफ लैब में संरक्षित किया गया था। याचिका में कहा गया है कि बेटे की मौत के बाद याचिकाकर्ता ने अस्पताल से बेटे के वीर्य के नमूने की मांग की, लेकिन अस्पताल ने उसे देने से मना कर दिया। इसके बाद याचिका दाखिल की गई। 

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